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________________ ध्रुवम् २२९ नक्षत्र (४) पुं० ध्रुवनो तारो (५) ध्रुवपद ध्वजिक वि० ढोंगी; दंभी (धर्म अंगे) (६) उत्तानपाद राजानो भक्त पुत्र ध्वजिन् वि० ध्वज धारण करनाएं ध्रुवम् अ० चोक्कस; नक्की (२)निशानीवाळु (३)पुं० ध्वजधारी ध्रौव्य न० स्थिरता; ध्रुवता (२) (४) कलाल (५)रथ (६) ढोंगी; दंभी निश्चितता ध्वजिनी स्त्री० सेना; लश्कर ध्वंस् १ आ० नीचे पडq (२) पडीने ध्वजीकृ ८ उ० धजा रोपवी (२) टुकडा थवा; चूर्ण-भूको थर्बु (३) बहाना तरीके वापर नाश थवो (४)निराश थर्बु (५) ढंकाई ध्वजोच्छय पुं० ढोंग; दंभ जवू; ग्रस्त थर्बु [(३)मरण ध्वन् १,१०प० अवाज करवो; उच्चार ध्वंस पुं० पडीने भागी जq ते (२) नाश करवो (२) गणगणवू ; गुंजारव करवो ध्वंसकारिन् वि० नाश करनारु (२) (३) गर्जवं (४) पडघो पडवो बळात्कार - व्यभिचार करनाएं। ध्वनन न० अवाज करवो ते (२) ध्वंसन वि० नाश करनारु (२) न० सूचवq ते (३) व्यंजना (अलंकार०) ध्वंस; नाश (३) पडी जq ते (४) ध्वनि पुं० अवाज (२) गर्जना (३) चाल्या जवू ते [पामनाएं व्यंग्यार्थ (अलंकार) ध्वंसिन् वि० नाश करनारु (२) नाश ध्वनित ('ध्वन्' नुं भू० कृ०) वि. ध्वज पुं० धजा; वावटो; पताका (२) ध्वनिवाळू (२) सूचित ; गर्भित (३) ध्वजस्तंभ (३) वावटा उपरतुं निशान न० ध्वनि (४) गर्जना (उदा० 'मकरध्वज') (४) (समासने ध्वस्त ('ध्वंस्' नुं भू० कृ०) वि० नीचे छेडे)ध्वजारूप-शोभारूप एवो माणस पडेलु (२) नाश पामेलु; खोवायेलं (उदा० 'कुलध्वज') (३)छवायेल (धूळ इ० थी) ध्वजपट पुं०, न० जुओ'ध्वजांशुक' ध्वस्ति स्त्री. नाश ध्वजयष्टि पुं० ध्वजनो दंड ध्वान पुं० ध्वनि (२) गुंजारव ध्वजारोह पुं० ध्वजा उपरनो एक ध्याक्ष पुं० कागडो(२) (समासने छेडे) शणगार च डाववो ते धिक्कार-तुच्छकार बताववा वपराय ध्वजारोहण न० ध्वज ऊंचो करवो- छे (उदा० 'तीर्थध्वांक्ष') (३) बगलो ध्वजांशुक न० धजा; वावटो ध्यांत न० अंधकार न अ० न; ना; नहि नकुल पुं० नोळियो (२)पांच पांडवो मांनो चोथो (माद्रीनो पुत्र) नक्त न० रात्री नक्तचारिन् पुं० घुवड (२) बिलाडी (३) चोर (४) पिशाच नक्तम् अ० राते; रात्रि दरम्यान नक्तंचर पुं० जुओ 'नक्तचारिन्' नक्तंचर्या स्त्री० राते भटकवू ते नक्तंतन वि० राते थतुं नक्तदिनम्, नक्तंविधम् अ० रातदिवस; दिवसे अने राते नक पुं० मगर नक्रकेतन पुं० कामदेव नक्षत्र न० तारो (२) तारानां अमुक निश्चित २७ झूमखांमांनु दरेक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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