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दधीच दधीच पुं० एक प्रख्यात ऋषि (वज
बनाववा पोतानां हाडकां आपनार) दधीचास्थि न० इन्द्रनुं वज्र (२) हीरो दधीचि पुं० जुओ 'दधीच' दधृष् वि० बेशरम; धृष्ट [माता दनु स्त्री० कश्यपनी पत्नी - दानवोनी दनुज पुं० राक्षस ; दानव दनुजद्विष्, दनुजारि पुं० देव दभ्र वि० अल्प; थोडं दम् ४५० शांत करवू; वश करवू (२) दमन करवू; निग्रह करवो (३)पळावं (पशु-) (४) शांत पडq - थर्बु दम पुं० दमन करवू ते ; निग्रह करवो ते (२) इंद्रियनिग्रह (३) चित्तने पापप्रवृत्तिमांथी निवार, ते दमन वि० दमन करनारुं; वश करनारं
(२) इंद्रियनिग्रही (३) न० इंद्रियनिग्रह; आत्मसंयमन (४) शिक्षा; सजा (५) नाश; वध दम्य वि० केळववा योग्य (काची उमरखें) (२) शिक्षा करवा योग्य (३)पुं० वाछरडो; जुवान बळद (जेने केळववानी जरूर छे) दय् १ आ० दया आववी; दया करवी
(२) चाहवू (३) रक्षण करवू दया स्त्री० कृपा; करुणा दयालु वि० दयावाळं; कृपाळु दयित वि० प्रिय (२) पुं० पति; प्रेमी दयिता स्त्री० पत्नी; प्रिया दर वि० फाडनाएं; चीरनारं (समासने अंते) (२) अल्प; थोडु (३) पुं०, न० गुफा ; बखोल; बाकुं (४) शंख (५) पुं० बीक; डर दरतिमिर न० बीकरूपी अंधारुं दरम् अ० थोड़क; जराक दरमंथर वि० थोडुक धीमुं दरि स्त्री० गुफा; पर्वतनी बखोल दरिद्र पुं० गरीब; निर्धन
दर्शनपथ दरिद्रता स्त्री० निर्धनता; गरीबाई दरिद्रा २ प० निर्धन - गरीब होवू (२)
दुःखी होवू (३) अल्प - आर्छ थर्बु दरिभृत् पुं० पर्वत दरिमुख न० गुफा जेवू मों (२) मों
जेवी गुफा (३) गुफानुं मों दरी स्त्री० जुओ 'दरि' दर्दुर पुं० देडको (२) मोरली - वांसळी
जेवू वाद्य (३) दक्षिणनो एक पर्वत दर्दुरपुट पुं० पावो वगेरे वाद्यनुं मुख दर्बु (-) पुं० खरजवू; दादर दर्प पुं० अभिमान ; गर्व दर्पक पुं० कामदेव (२) गर्व दर्पकल वि० मधुर तथा अभिमानभर्या
शब्दवाळू दर्पण पुं० अरीसो, दर्पित वि० अभिमानी; गर्विष्ठ दर्भ पुं० कुश; दरभ दर्भाकुर न० दर्भनी धारदार अणी दवि(-:) स्त्री० कडछी; पळी (२) __ सापनी फेलावेली फेण दर्श पुं० दृश्य ; देखाव (घणुं खरं समासमां उदा० 'दुर्दर्श') (२) अमावास्या (३) दर पडवे करातो यज्ञ-होम दर्शक वि० दर्शावनाएं; बतावनाएं
(२)जोतुं; निहाळतु (३) समजावतुं दर्शन वि. जोतं; निहाळतं (समासने अंते) (२) दर्शावतुं ; शीखवतुं (३) न० जोवू ते; निहाळवं ते (४) जाणवू – समज ते (५) नजर ; दृष्टि (६) आंख (७) तपास; निरीक्षण (८) दर्शाववं ते (९) देखावू ते; नजरे पड, ते (१०) दर्शन करवा के मुलाकाते जर्बु ते (११) देखाव; स्वरूप (१२) तत्त्वज्ञाननो सिद्धांत (१३) अभिप्राय ; मत (१४) दर्पण दर्शनपथ पुं० नजर पहोंची शके तेटलो प्रदेश; दष्टिमर्यादा
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