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जनी १७८
जरायु जनी स्त्री० जुओ 'जनि
जपमाला स्त्री० जप करवानी माळा जनुस् न० उत्पत्ति; जन्म (२) जीवन जपा स्त्री० एक फूलछोड; तेनुं फूल जनौव पुं० लोकोनुं टोळं
जप्य वि० जप करवा योग्य (२) पुं०, जन्मकील पुं० विष्णु
न० जप; जपनो मंत्र जन्मकुंडली स्त्री० जन्मपत्रिका
जभ् १ आ० बगासुं खावं जन्मतिथि पुं०, स्त्री०, जन्मदिन न०, जम् १ प० भोजन करवू ; जमवू जन्मदिवस पुं० जन्मनो दिवस
जमदग्नि पुं० परशुरामना पिता जन्मन् न० जन्म ; उत्पत्ति (२) आयुष्य; जमन न० खावं ते जिंदगी (३) पिता; जन्म आपनार जय पुं० विजय ; जीत; फतेह (२) निग्रह जन्मपादप पुं० वंशवृक्ष ; वंशावळी (इंद्रियादिनो) (३) सूर्य (४) इंद्रनो जन्मभाज् पुं० जन्मेलं ते ; प्राणी पुत्र; जयंत (५) युधिष्ठिर (६) विष्णुनो जन्मभाषा स्त्री० स्वभाषा; मातृभाषा द्वारपाळ (७) अर्जुन (८) महाभारतजन्मभूमि स्त्री० स्वदेश; वतन
नाम (९)जयजयकार (१०)वीररस जन्मभूत् पुं० जओ 'जन्मभाज्'
जयकुंजर पुं० विजयी नीवडेलो हाथी जन्मसाफल्य न० जन्मनी सफळता; जयमंगल पुं० राजाने सवा माटेनो कृतकृत्यता
उत्तम हाथी जन्महेतु पुं० जन्मनुं कारण
जयलक्ष्मी स्त्री० विजयनी देवी जन्माष्टमी स्त्री० श्रीकृष्णनी जन्मतिथि जयलेख पुं० विजयनो दस्तावेज - श्रावण वद आठम
जयशब्द पुं० जयजयकार; चारणो वडे जन्मांतर न० पुनर्जन्म ; बीजो जन्म (२) करातो 'जय' एवो पोकार परलोक
जन्ममां करेलु जयश्री स्त्री० विजयनी देवी जन्मांतरीय वि० बीजा जन्मनु; बीजा जयस्तंभ पुं० विजय के जीतनी यादगीरी जन्मांध वि० जन्मथी आंधळं
माटे ऊभो करेलो स्तंभ जन्मिन् पुं० प्राणी
जयंत वि० विजयी (२)पुं० इंद्रनो पुत्र जन्य वि० उत्पन्न थयेलं; जन्मेलं (२) जया स्त्री० दुर्गा (समासने अंते) -वडे पेदा थयेलं; जयिन् वि० विजयी; फतेहमंद (२) -मांथी जन्मेलं (३) जाति, वंश के मनोहारी; चित्ताकर्षक कुटुंबD (४)पुं० वरनो संबंधी, मित्र के जय्य वि० जीतवा योग्य (२) जीती साथी (५) सामान्य माणस (६) न० शकाय एवं जन्म ; उत्पत्ति (७) जन्मेलुं ते (८)देह जरठ वि० वृद्ध; जीर्ण (२) कठण; (९) युद्ध; लडाई (१०)प्रजा; लोक कर्कश (३) विकसेल; परिपक्व जन्या स्त्री० मातानी सखी (२)कन्यानी जरत् वि० वृद्ध; जीर्ण; अशक्त सखी (३) हाट (४) लोक
जरतिका, जरती स्त्री० वृद्ध स्त्री जप १५० जपवू; मनमा बोलवू; रटवू जरद्गव पुं० वृद्ध बळद (२) मंत्रनो जाप करवो जिपवी ते जरा स्त्री० वृद्धावस्था; घडपण जप पुं० मंत्र इत्यादिनुं रटण (२) माळा जराजीर्ण वि० वृद्धावस्थाथी अशक्त जपत् पुं० तपस्वी
जरायु न० सापनी कांचळी (२) गर्भाशय जपन न० जप; जप करवो ते
(३) गर्भने वोटीने रहेतुं पातळू पड
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