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चुबुक
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चैत्य चुबुक पुं० हडपची; दाढी
चेटि, चेटिका, चेटी स्त्री० दासी चुर् १० उ० चोरवू; लई लेवं
चेतक वि० चेतावनाएं (२)चेतनयुक्त चुरि(-री) स्त्री० चोरी
चेतन वि० चेतनयुक्त; सजीव (२) चुलुक पुं० कोगळो (२) प्रवाही भरवा नजरे पडे के देखाई आवे तेवू (३) करेलो खोबो
पुं० प्राणी; मनुष्य (४)जीव ; आत्मा चुल्लि (-ल्ली) स्त्री० चूलो
चेतना स्त्री० चेतनपणु; चैतन्य (२) चुंचु वि० (समासने छेडे) विख्यात शूधबूध ; डहापण; समज (२) निष्णात
चेतस् न० चेतना; शुद्धि; भान (२) चुंब १, १० उ० चुंबन कर,
जीव;प्राण (३)बुद्धिशक्ति (४) चित्त; चुंबक पुं० चुंबनार (२) लोहचुंबक मन ; अंतःकरण चुंबन न० चूमवू ते
चेतोजन्मन्, चेतोभव, चेतोभू पुं० कामचुंबित ('चुंब्नु भू० कृ०) चुंबेलु देव (२) प्रेम; प्रीति चुंबिन् वि० चुंबन करतुं (२) स्पर्शतुं
चेद् अ० जो (वाक्यारंभे वपरातो नथी) चुचुक, चूचूक न० स्तननी दींटडी चेदिपति, चेदिराज् (-ज) पुं० चेदि चूडा स्त्री० चोटली (२) कलगी देशनो राजा-शिशुपाल (मोर इ० नी) (३) कलगी (शणगारनी)
चेय वि० भेगुं करवा - वीणवा योग्य (४)शिखर; टोच (५)चूडो; चूडी (२) ढगलो करवा योग्य; गोठववा चूडाकर्मन् न०वाळ उतराववानो संस्कार -स्थापना योग्य चूडापाश पुं० वाळनी लट- गुच्छो चेल न० वस्त्र (२) (समासने अंते) चूडामणि पुं०, चूडारत्न न० माथे खराब - दुष्ट (उदा० 'भार्याचेल' पहेरातो मणि (२) (समासमां) ते खराब पत्नी) वर्गमां श्रेष्ठ - उत्तम
चेलिका स्त्री० चोळी; 'बॉडिस' चराल वि० चूनायुक्त; शिखावालु चेष्ट् १ आ० हालवू; क्रिया करवी; चूत पु० आम्रवृक्ष; आंबो
गति करवी; चेष्टा करवी (२) यत्न चूर्ण १० उ० चूरो करवो; खांडवू करवो (३) आचरb; वर्तवू चूर्ण पुं०, न० भूको (२)पुं० खडी; चूनो चेष्ट न० चेष्टा; चाळो चूर्णक पुं० एक वृक्ष (शीमळानी जातनुं) चेष्टा स्त्री० हालचाल; गति (२) चाळो; चूणि स्त्री० चूरो करवो ते; भूको (२) हावभाव (३)प्रयत्न (४)वर्तन; वर्तणूक भाष्य ; टीका
चेष्टित न० आचरण; वर्तन (२) चूर्णित वि० चूरो करायेलं
हालचाल ; चाळो; चेष्टा चूर्णी स्त्री० जुओ 'चूणि'
चैतन्य न० चेतना; चेतनपणुं(२) समज; चूल पुं० केश
ज्ञान (३)आत्मा (४) परमात्मा चूला स्त्री० कलगी
चत्त वि० चितने लगतुं; मानसिक चूलिका स्त्री० कूकडाना माथानी कलगी चैत्य वि० चिताने लगतुं (२) पुं० (२) नाटकमां बनवानी बाबतोनी जीवात्मा (३) न० कीडीनो राफडो नेपथ्यमांथी सूचना
(४) (बुद्धना अवशेष उपर बांधेल) चूष १ प० चूसवू; पीवं
स्तूप (५)स्मरणस्तंभ ; पाळियो (६) चूष्य न० चूसवानो भोज्य पदार्थ देवालय(७) यज्ञमंडप (८) पूजाने स्थाने चेट, चेटक पुं० नोकर; सेवक ; गुलाम ऊगेलुं पीपळानुं के बीजं कोई वृक्ष
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