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बुडाकेश
गुडाकेश पुं० शंकर ( २ ) अर्जुन ( जटियां 'जेवा वाळ 'गुडा' उपरथी ) गुण १० उ० गुणाकार करवो (२) आमंत्रण आप (३) शिखामण आपवी
वि० गुणवान ( २ ) पुं० मूळ लक्षण ; धर्म ( ३ ) सद्गुण; सारो गुण ( ४ ) लाभ; उपयोग (५) असर; परिणाम (६) दोरी; दोरो; दोरडी ( ७ ) धनुष्यनी दो; पण (८) वीणा वगेरे बाद्यना तार (९) दीवानी वाट; दिवेट ( १० ) अधिकता; उत्कर्ष ( ११ ) प्रकृतिना घटक गणाता - सत्व, रजस् अने तमस् एत्रण गुणोमांनो दरेक
गुणकार पुं० गौण वस्तुओ रांधनार रसोइयो (२) भीमसेन
गुणकृत्य न० पणछ तरीकेनो उपयोग गुणगान न० गुण गावा ते; गुणनुं वर्णन कर [गुणोथी आकर्षा बुं गुण वि० गुणोनी कदर करनाएं; गुणगौरी स्त्री० शील-गुणवती स्त्री गुणग्रहीत वि० गुणनी कदर करनाएं गुणग्राम न० सद्गुणोनो समूह गुणग्राहक, गुणग्राहिन्, गुणज्ञ वि० कदर करनाएं
गुणनी
गुणतः अ० गुण प्रमाणे; गुण अनुसार गुणता स्त्री०, गुणत्व न० गौणपणं ( २ ) उत्तमपणं; योग्यता (३) दोरडी होवापणं गुजन न० गुणाकार (२) गणतरी (३) vij कीर्तन
गुणनिका स्त्री० अभ्यास ; पुनरावर्तन (२) माळा; हार (३) नृत्यकळा गुणपूग न० गुणसमुदाय गुणप्रकर्ष पुं० गुणोनी उत्तमता गुजरान पुं० बीजाना गुणोमां आनंद - आसक्ति
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गुणवत्ता स्त्री० सारा गुणोवाळा होवापणुं (२) उत्तमता; श्रेष्ठता गुणसंख्यान न० सांख्यशास्त्र
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गुप्तवर
गुणसंपद् स्त्री० गुणसमृद्धि गुणाकर पुं० गुणोनी खाण - सर्व सद्गुणो वाळो मनुष्य ( २ ) शिव गुणागुण पुं० पाप-पुण्य; धर्म-अधर्म गुणाय न० उत्तम गुण; मुख्य गुण गुणाढच वि० सारा गुणोयुक्त गुणातीत वि० सत्त्व वगेरे त्रण गुणोने - तेमनां कार्योने ओळंगी गये लुं (परमात्मा; मुक्त ) गुणानुबंधित्व न० सद्गुणो साथेनो संबंध गुणाश्रय पुं० सद्गुणी गुणांतर न० बीजो ( सारो) गुण गुणित वि० गुणेलुं (२) ढगलो करेलुं;
गुणिन् वि० गुणयुक्त; सद्गुणी ( २ ) शुभ गुणीभूत वि० गौण बनेलुं; मूळ अर्थ के अगत्य विनानुं थयेलुं (२) गुणरूप बनेलुं गुणोत्कर्ष पुं० गुणोनी बाबतमां श्रेष्ठता; उत्तम गुणोनी प्राप्ति
गुणोपेत वि० गुणयुक्त; सारा गुणबाळं गुणौघ पुं०, न० गुणोनो समूह गुव न०, गुदा स्त्री० शरीरमांथी विष्ठा नीळवानुं द्वार
गुप् १प० [ गोपायति ] रक्षण करवु; बचावj (२) संताडवु; छुपावं (३) ४५० गंभराई जवं; व्याकुळ थवः व्यग्र थवुं ( ४ ) १० उ० प्रकाशवुं (५) बोलबुं (६) संताडवुं (७) १ आ० [गोपते] संता: छुपावबुं (८) १ आ० [जुगुप्सते] धिक्कार, तिरस्कार (९) निद ( द्वितीया के पंचमी साथे ) गुप्त ('गुप्' नुं० भू० कृ० ) वि० रक्षायेलं; बचावेलुं (२) गुप्त राखेलुं; संताडेलु (३) खानगी; छानुं ( ४ ) नजरे न पडतुं; अदृश्य गुप्तगति पुं० गुप्तचर; जासूस गुप्तचर वि० गुप्त रीते जनारुं ( २ ) पुं० जासूस
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