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अकुतः अकुतः अ० कोई ठेकाणेथी नहि;
क्यांयथी नहि (समासमां)। अकुतोभय वि० क्यांयथी भय विना-; निर्भय (२) सुरक्षित । अकुप्य न० हलकी धातु नहि ते - सोनु
रू' (२) कोई पण हलकी धातु अकुशल वि० कुशळ के होशियार नहि तेवू (२) अमंगळ (३) अणगमतुं (४) न० अनिष्ट ; दुःख अकुह वि० न छेतरे तेवं; प्रमाणिक अकुंठ वि० बर्छ नहि थयेलं (२) प्रतिबंध विनानुं (३) स्थिर (४) समर्थ अकुंठित वि० प्रतिबंध-रुकावट विनानु अपार वि० जेनो अंत खराब नथी तेवू
(२)पार विना- (३)पुं० समुद्र (४) सूर्य (५) काचबो (कूपने न तजतो) अकृच्छ्र वि० सहेलु; मुश्केली वगरनुं अकृत वि० नहि करेलु (२) खोटी रीते करेलु (३) तैयार नहि थयेलं (अन्न) (४) अपरिपक्व ; अशिक्षित (५) नहि सरजायेलु (६)न० नहि करायेलु काम (७) कार्य नहि करवू ते (८) पूर्वे न सांभळेलं कार्य न जाणनाएं अकृतज्ञ वि० कृतघ्न; करेलो उपकार अकृतबुद्धि वि० काची बुद्धिवाळं अकृतात्मन् वि० अज्ञानी; मूर्ख (२)
ईश्वरदर्शन नहि पामेलं अकृतिन् वि० अकुशळ; अक्षम अकृत्य न० खोटुं काम (२) न करी
शकाय ते काम अकृत्रिम वि० स्वाभाविक खिंचायेलं अकृष्ट वि० नहि खेडायेलं (२) नहि अक्का स्त्री० मा; माता अक्त ('अंज'न भू० कृ०)वि० खरडायलं; लेपायेलू (घणुं करीने समासने अंते वपराय छ; उदा० तैलाक्त; घृताक्त) अक्त्र न० कवच ; बख्तर अऋतु वि० यज्ञरहित (२)संकल्परहित (परमात्मा)
अक्षमाला ___ अक्रम वि० क्रमरहित (२) गतिरहित
(३) पुं० क्रम-परिपाटी-शिष्टाचारनो अभाव अक्रिय वि० क्रियारहित (२) निष्क्रिय अक्रिया स्त्री० निष्क्रियता (२) कर्तव्यनी उपेक्षा
[रहितता अक्रोध वि० क्रोधरहित (२) पुं० क्रोधअक्लिष्ट वि० नहि थाकेलं (२) नहि मूंझायेलं (३) खंडित- दूषित नहि तेव (४) श्रमपूर्वक नहि थतुं - सहज अक्लिष्टकर्मन् वि० कर्म करवामां न __ थाकनारं अक्लीब वि० साचुं; अफर
अक्लीबम् अ० भय विना ___ अक्ष १, ५, प० पहोंचवू (२) व्यापवू
(३) एकळु करवं अक्ष पुं० धरी (२) पासो (३) पै९ (४) रथ; गाडु (५) विषुववृत्तथी उत्तरदक्षिण कोई पण जगानुं गोलीय अंतर (६)त्राजवांनी दांडी (७) जेना मणका बने छे ते बीज (८) रुद्राक्ष (९) १६ मासानुं एक वजन (कर्ष) (१०) न० ज्ञानेंद्रिय (११) नेत्र कु शळ अक्षकुशल वि० पासा रमवानी विद्यामां अक्षकूट पुं० आंखनी कीकी अक्षत वि० ईजा पाम्या विना- (२) अखंड; भाग्या विनानुं (३) पुं० (ब० व०) धार्मिक क्रियामां वपराता वगर भांगेला चोखा अथवा न छडेलां जव, डांगर वगेरे (४)न० कोई पण धान्य (५) हानि न थवी ते; उत्कर्ष अक्षतयोनि स्त्री० जेनुं कौमार खंडित
नथी थयुं तेवी स्त्री मुनि अक्षपाद पुं० न्यायदर्शनना प्रणेता गौतम अक्षम वि० अशक्त; असमर्थ (२) सहन
न करे तेवू; असहिष्णु अक्षमा स्त्री० ईर्षा (२)अधीराई(३)क्रोध अक्षमाला स्त्री० मणकानी माळा (२) वसिष्ठपत्नी- अरुंधती
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