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ऋच्छ
११२ ऋच्छ ६ प० जर्बु (२) अकडाई ज; ऋतुकाल पुं० स्त्रीओना मासिक
जड थई जर्बु (३) मूर्छा पामवी अटकावनो समय (२) ऋतुप्राप्ति ऋज् १ आ० [अर्जते जवू (२) प्राप्त पछीनो १६ दिवसनो गर्भाधाननो करवं; मेळवएँ (३) स्थिर थर्बु (४) समय तंदुरुस्त थQ - बळवान थq (५) १५० ऋतुपति पुं० वसंत ऋतु अर्जति कमावू
ऋतुमती स्त्री० रजस्वला स्त्री (२) ऋज, ऋजुक वि० सीधुं; सरळ (२) परणवा योग्य उमरनी कन्या प्रमाणिक (३) अनुकूळ
ऋतुराज पुं० वसंत ऋतु ऋजुता स्त्री० सरळता; प्रमाणिकपणुं ऋतुसंहार पुं० ऋतुओनो समूह (२) ऋण न० देवू; करज
कालिदासना एक काव्यनुं नाम ऋणमुक्त वि० देवामांथी छटेलं
ऋतुस्नाता स्त्री० अटकाव पछी (चोथे ऋणमुक्ति स्त्री०, ऋणशोधन न० दिवसे) नाहीने शुद्ध थयेली स्त्री देवामांथी छुटवू ते
ऋते अ० सिवाय ; वगर ऋणिक, ऋणिन् वि० देवादार ऋत्विज पुं० यज्ञ करावनार ब्राह्मण ऋत वि० साचुं; खरं (२) योग्य (३) ऋद्ध वि० समृद्ध प्रमाणिक (४)न० दैवी नियम ; अचळ ऋद्धि स्त्री० समृद्धि; वृद्धि (२) आबादी; नियम (५) मोक्ष (६) सत्य
उत्कर्ष (३) सिद्धि ऋतधामन् वि० शुद्ध के साचा स्वभाव- ऋध् ४,५५० वधवं ; समृद्ध थर्बु (२) वाळू (२) अविनाशी पदवाळू
खुश करवं ऋतम् अ० खरे ज; साचे ज
ऋभुक्ष पुं० इंद्र (२) स्वर्ग (३) वज्र ऋतंभर पुं० परमेश्वर (सत्यने टकावी ऋषभ पु० सांढ; आखलो (२) उत्तम, राखनार)
श्रेष्ठ -ए अर्थमा समासने छेडे वपराय ऋतंभरा स्त्री० सत्य प्रज्ञा (विपर्यास (उदा० 'पुरुषर्षभ') विनानी)
ऋषभध्वज पुं० शंकर ऋति स्त्री० गमन (२)मार्ग (३)निंदा ऋषि पुं० मंत्रद्रष्टा; नबुं दर्शन पामनारी (४) समृद्धि (५) आक्रमण (६)स्पर्धा (२) मुनि ; तपस्वी; साधु (७) दुर्दैव (८) रक्षण
ऋषिकुल्या स्त्री० पवित्र नदी ऋतु पुं० बे महिनानो नियत काळ (छ ऋष्टि स्त्री० तलवार ; बेधारी तलवार ऋतुओमांनी दरेक) (२) स्त्रीओनो (२) कोई पण शस्त्र (भालो इ०) मासिक स्राव (३) जुओ 'ऋतुकाल' ऋष्य पुं० धोळा पगवाळं हरण
ऋ, लु, ल
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