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उल्व उल्व न० जुओ 'उल्ब' उल्वण वि० जुओ 'उल्बण' उशत् वि० सुन्दर (२) प्रिय (३) निर्मळ (४) बीभत्स ; अमंगळ उशती स्त्री तीखी वाणी उशनस् पुं० दैत्योना गुरु शुक्राचार्य उशी स्त्री० इच्छा उशीर पुं०, न० वीरणनो वाळो उष् १५० बळवं ; बाळ (२) शिक्षा
करवी (३) मार; मारी नाखवं उषस् न परोढ;प्रात:काळ (२) परोढ
वखतनुं तेज (३) परोढनी देवता उषसी स्त्री० सायंकाळनुं तेज उपस्कर पुं० चंद्र उषःकाल पुं० परोढनो समय उषा स्त्री० परोढ (२) प्रातःकाळy तेज (३) रात्रि (४) बाणासुरनी पुत्री अने अनिरुद्धनी पत्नी उषित ('वस्'न भू० कृ०) वि० वसेलु
(२) ('उप'न भू० कृ०) बळेलं उषीर पुं०, न० जुओ 'उशीर' उष्ट्र पुं० ऊंट माटीनुं वासण उष्ट्रिका स्त्री० ऊंटडी (२) तेवा घाटगें
ऊर्ज उष्ण वि० गरम (२) सखत; कडक (३) पुं०, न० उनाळो (४) गरमी; ताप; तडको (५) निसामो उष्णकर पुं० सूर्य उष्णग पुं० उनाळो (२) वर्षाऋतु उष्णगु, उष्णदीधिति पुं० सूर्य उष्णबाष्प पुं० आंसु (२) वराळ उष्णरहिम पु० सूर्य उष्णागम पुं० उनाळो उष्णांशु पुं० सूर्य उष्णीष पु०, न० पाघडी ; फेंटो; मुगट उष्म, उष्मक पुं० उष्णता (२) उनाळो
(३) क्रोध (४) उत्साह; खंत उष्मन् पुं० उप्णता; गरमी (२) ग्रीष्म
ऋतु; उनाळो उष्मागम पुं० उनाळो उन पुं० किरण (२) बळद उस्वित् अ० अथवा ; किंवा उंछवृत्ति वि० खेतरमा पडेला दाणा वीणीने जीवनाएं उंदरु, उंदुर, उंदुरु, उंदूरु पुं० उंदर उभ् ६,७,९५० जुओ 'उन्'
ऊ अ० दया, रक्षण, संबोधननो अर्थ
बतावे (२) वाक्यारंभे वपरातो उद्गार ऊढ ('वह'न भू० कृ०) वि० वहम करायेलु (बोजो); ऊंचकी जवायेलु; लई
जवायेलं (२)परिणीत (३)न० लग्न ऊत ('अव्' नुं भू० कृ०)वि० रक्षायेलं; मदद करायेलु (२) ('वे'न भू० कृ०) वणायेल; सिवायलं ऊति स्त्री० लीला (२)सीवq - वणवं
- गूंथवं ते (३) कृपा; मदद ऊधन्य न० दूध ऊधस् न० आउ; बावलं
ऊधस्य न० दूध ऊन वि० [; ओछु; अपूर्ण (२) ऊणपवाळं; नबळं (३) बाद (संख्यावाचक शब्द साथे, उदा० ‘एकोनविशति')
उद्गार ऊम् अ० प्रश्न, निंदा के स्पर्धा बतावतो ऊररी अ० जुओ 'उररी' . ऊरु पुं० साथळ; जांघ ऊरुस्तंभ पु० जांधनो संधिवा; जांघ
वाळा भागनुं अकडाई जव ते ऊर्ज स्त्री० शक्ति; बळ; उत्साह (२) अन्न (३) रस (४) जळ
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