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ईषत्
इंद्रियाराम इंद्रियाराम वि० विषयासक्त इंद्रियार्थ पुं० शब्द, रूप, रस, गंध अने स्पर्श-ए पांच इंद्रियोना विषयोमानो दरेक
इंध ७ आ० सळगावq; प्रदीप्त करवू इंधन न० सळगावq ते (२) लाकडां; बळतण
Cho
ई पुं० कामदेवनुं नाम; मदन (२) स्त्री० लक्ष्मी (३) अ० निराशा, दुःख, शोक, क्रोध, अनुकंपा तथा संबोधननो अर्थ दर्शावे ई ४ आ० जq (२) २ प० जq (३)
पहोंचवू (४) व्याप ईक्ष् १ आ० जोवू ; अवलोकवू(२)गणवं - मानवू (३) ध्यानमा लेव; काळजी राखवी (४) विचार (५) जरूर होवी (६)सारं के खोटु भाग्य जोg ईक्षण न० जोवु ते (२) आंख (३)
दृष्टि ; दर्शन (४) दरकार ; काळजी ईक्षा स्त्री० दृष्टि ; नजर (२) अव
लोकन ; विचारणा ईक्षिका स्त्री० दृष्टि ; नजर (२) आंख ईक्षित ('ईक्ष् 'न भू० कृ०) वि० जोवायेल; अवलोकायेलु (२) न० दृष्टि (३) आंख ईड २ आ० स्तुति करवी;प्रशंसा करवी ईड्य वि० प्रशंसा - स्तुति करवा योग्य ईति स्त्री० अतिवृष्टि, अनावृष्टि, उंदर, तीड वगेरेनो उपद्रव ईदकता स्त्री० जात गुणवत्ता(इयत्ता' - "जयो' थी ऊलटुं) ईदक्ष, ईदश वि० आवं; आ प्रकारनं ईप्सा स्त्री० प्राप्त करवानी इच्छा (२) इच्छा
न० इच्छा ईप्सित वि० इच्छेलं ; प्रिय ; इष्ट (२) ईर् २ आ०, १५० ज; हालq (२) १० उ० फेंकवु (३) उश्केरवू; प्रेर
(४) उच्चार; कहेवू (५)हलाव; गतिमान करवू (६) खेंच ; आकर्षव ईरिण न० ऊखर - वेरान जमीन ईरित ('ईर् न भू० कृ.०) वि०
मोकलायेलु (२) उच्चारायेलू ईर्या स्त्री० भिक्षुचर्या ईर्षा स्त्री० जओ ईर्ष्या' ईषित न० ईईये १५० ईर्ष्या करवी ईर्ष्या स्त्री० अदेखाई ईर्ष्यालु वि० अदेख्नु ईश २ आ० राज्य करवं; अधिकार चलाववो (२) शक्तिमान होवु (३) उपरीपणुं कर (४) परवानगी आपवी (५) मालिक होवू ईश वि० मालिक - स्वामी होय तेवं (२)
शक्तिमान (३) पुं० अधिपति (४) पति ; स्वामी (५)शंकर (६)परमेश्वर ईशान पुं० शंकर (२) राजा; स्वामी ईशितव्य वि० अधीन ( जेना उपर
ईशपणु चाले) ईशिता स्त्री० प्रभुता - श्रेष्ठता (२)
आठ सिद्धिओमांनी एक ईशित ५० परमेश्वर ईश्वर वि० सत्ताधीश (२) धनवान; श्रीमंत (३) पुं० राज्य करनार - राजा; अधिपति (४) श्रीमंत माणस (५)पति (६) शंकर (७) परमेश्वर ईश्वरभाव पुं० प्रभुता; राज्यकापणु ईषत् अ० थोडु; जरा
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