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________________ उपनिषनामादिसूची उपनिषन्नामानि तत्संकेतनामानि प्रथमांक: द्वितीयांकः तृतीयांकः ११० परब्रमोपनिषत् परब. वाक्यपद्यात्मकः १११ परमहंसपरिव्राजकोप. प. हं. प. वाक्यात्मकः ११२ परमहंसोपनिषत् प.हंसो.,प.हं. वाक्यात्मकः ११३ पारमात्मिकोपनि. पारमा. अनुवाकालाकः मंत्रात्मकः .. पारस्करगृह्य सूत्रम् पा. गृ. सू. ११४ पारायणोपनिषत् पारायणो. मंत्रात्मकः ११५ पाशुपतब्रझोपनिषत् पा. ब्र. वाक्यात्मकः पद्यात्मकच ११६ पिण्डोपनिषत् पिण्डो. पद्यात्मकः ११७ पीताम्बरोपनिषत् पीतांबरो. वाक्यात्मकः ११८ पुरुषसूक्तोपनिषत् मनात्मकः ११९ पैङ्गलोपनिषत् पैङ्गलो. अध्यायात्मकः वाक्यात्मकः पद्यात्मकच १२०-१ प्रणवोपनि. १ प्रणपो. पद्यात्मकः १२१-२ , २ प्रणवो. वाक्यात्मकः १२२ प्रश्नोपनिषत् प्रश्नो. ' प्रश्नात्मकः १२३ प्राणाग्निहोत्रोपनिषत् प्राणामि.,' खण्डात्मकः मंत्रात्मकः प्रा. हो. वाक्यात्मकश्च १२४ बटुकोपनिषत्. बटुको. वाक्यात्मकः ( वटुकोप.) पद्यात्मकश्व १२५ बहुचोपनि. __ बढ़चो. वाक्यात्मकः १२६ बाष्कलमत्रोपनि. बा. मं. वाक्यात्मकः १२७ १ बित्योपनि. १ बित्यो. पद्यात्मकः १२८ २ ॥ २ बिल्वो. वाक्यात्मकः पद्यात्मक १२९ बृहज्जाबालोपनि. वृ. जा., बृहज्जा. ब्रामणात्मकः वाक्यात्मकः पद्यात्मकश्च १३० बृहदारण्यकोपनि, बृ.उ., बृह. अध्यायात्मकः ब्राह्मणात्मकः . वाक्यात्मकः १३१ ब्रह्मबिन्दूपनिषत् ब्र. बिं. पद्यात्मकः ( अमृतबिन्दूप.) १३२ ब्रह्मविद्योपनिषत् ब्रह्मवि.,ब्र.वि. पद्यात्मकः १३३ ब्रह्मोपनि. वाक्यपद्यात्मकः ब्रह्म Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016083
Book TitleUpnishad Vakya Mahakosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGajanand S Sadhale
PublisherRupa Books Jaipur
Publication Year1991
Total Pages380
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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