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पाइअसहमहण्णवो
कुंभ-कुच्चंधरा
कुंभ पु[कुम्भ] १ स्वनाम-प्रसिद्ध एक राजा, कुंभी में पकना (पराह २, ५)। २ नरक की कुक्कुड पुं[कुर्कुट] चतुरिन्द्रिय जन्तु की एक भगवान् मल्लिनाथ का पिता (सम १५१, पउम एक प्रकार की यातना (सूत्र १, १, १)। जाति (उत्त ३६, १४८)। २०, ४५)। २ स्वनाम-ख्यात जैन महर्षि, | कुंभी स्त्री [कूष्माण्डी] कोहँड़ा का गाछ, कुक्कुड [कुक्कुट] १ कुक्कुट, मुर्गा (गा अठारहवें तीर्थंकर के प्रथम शिष्य (सम | ‘चलिगो कुंभीफल दंतुरासु' (गउड)। ५८२, उवा)। २ वनस्पति-विशेष (भग १५२)। ३ कुम्भकर्ण का एक पुत्र (से १२, | कुंभी स्त्री [६] केश-रचना, केश-संयम (दे २ । १५) । ३ विद्या द्वारा किया जाता हस्त६५)। ४ एक विद्याधर सुभट का नाम ३४)।
प्रयोग-विशेष (वव १) । मंसय न [मांस(पउम १०, १३) । ५ परमाधामिक देवों को कुंभील पुंकुम्भील जलचर प्राणि-विशेष, क] १ मुर्गा का मांस । २ बीजपूरक वनस्पति एक जाति (सम २९)। ६ कलश, घड़ा | नक, मगर (चारु ६४)।
का गुदा (भग १५)। (महाः कुमा) । ७ हाथी का गएड-स्थल | कुंभुन्भव पु [कुम्भोद्भव] ऋषि-विशेष, कुक्कुड वि [दे] मत्त, उन्मत्त (दे २, ३७) । (कुमा) । ८ धान्य मापने का एक परिमाण | अगस्त्य ऋषि (कप्यू)।
कुक्कुडय न [कुक्कुटक] देखो कुक्कयय (अण) । तरने का उपकरण (निचू १)। कुकम्मि वि [कुकर्मिन् खराब कर्म करने
(सूम १, ४, २, ७ टी)। १० ललाट, भाल स्थल (पव २)। ११ । वाला (सूय १, ७, १८)।
कुक्कुडिया। स्त्री [कु+पुटिका. टी] अण्ण युं [कर्ण] रावण के छोटे भाई का कुकुला स्त्री [दे] नवोढा, दुलहिन (दे २,
कुक्कुडी कुक्कुटी, मुर्गी (पाया १, ३, नाम (१५, ११) । आर पु [कार]
विपा १, ३)। कुम्हार, घड़ा आदि मिट्टी का बरतन बनानेकुकुस [दे] देखो कुक्कुस (दस ५, १३४)।।
कुक्कुडी स्त्री [कुक्कुटी] माया, कपट (पिंड वाला (हे १,८)। 'उर न [पुर] नगर
कुकुहाइय न [कुकुहायित] चलते समय का २६७)। विशेष (दस)। गार देखो आर (महा)। शब्द विशेष (तंदु)।
कुक्कुडेसर न [कुक्कुटेश्वर] तीर्थ-विशेष गगन [प] मगध-देश-प्रसिद्ध एक परिमारण
कुकूल पु [कुकूल] करीषाग्नि, कंडे को । (ती १६) । (णाया १, ८-पत्र १२५) । °सेण पुं
आग (पराह १, १)।
कुक्कुर पु[कुक्कुर] कुत्ता, श्वान (पउम ['सेन] उत्सिपिणी काल के प्रथम तीर्थकर कुक्क देखो कोक्क । कुक्कइ (पि १६७
६४, ८०; सुपा २७७)। के प्रथम शिष्य का नाम (तित्थ)। ४८८)।
कुक्कुरुड पुं[दे] निकर, समूह (दे २, १३)। कुंभंड न [कूष्माण्ड] फल-विशेष, कोहड़ा, कुक्क पु [दे] कुत्ता, कुक्कुरः 'कुक्केहि कुक्कुस पुं[दे] धान्य प्रादि का छिलका, कुम्हड़ा (कप्पू)।
कुक्काहि अ बुक्कभंते (मृच्छ ३६)। भूसा (दे २, ३६, दस ५, १, ३४)। कुंभार पुं[कुम्भकार] कुम्हार, घड़ा प्रादि कुक्कयय न [दे] प्राभरण-विशेष; 'अदु कुक्कुह पुं [कुक्कुभ] पक्षि-विशेष (गउड)। मिट्टी का बरतन बनानेवाला (हे १,८)। अंजणि अलंकारं कुक्कययं मे पयच्छाहि' | कुक्कुहाइअन[दे] चलते समय का अश्व वाय पु [पाक] कुम्हार का बरतन (सूत्र १, ४, २, ७) । देखो कुक्कु डय।
का शब्द-विशेष (तंदु ५३)। पकाने का स्थान (ठा ८)।
कुक्की स्त्री [दे] कुत्ती, कुक्कुरी (मृच्छ ३६)। कु
की कुक्खि [दे. कुक्षि देखो कुच्छि (दे २, कुंभि पु[कुम्भिन् १हस्ती, हाथी (सण)। कुक्कुअ वि [कुत्कुच] भांड की तरह शरीर
| ३४ प्रौप; स्वप्न ६१ करु ३३)। २ नपुंसक-विशेष, एक प्रकार का पंड पुरुष | के अवयवों की कुचेश करनेवाला (धर्म २;
कुक्खिंभरि देखो कुच्छिंभरि (धर्मवि १४६)।
का (पुष्फ १२७)। पव ६)।
कुक्खेअअ देखो कुच्छेअय (संक्षि ६)। कुंभिक देखो कुंभिय (राय ३७)। कुक्कुअन [कौकुच्य] कुचेष्टा, कामोत्पादक
कुग्गाह पुं [कुमाह] १ कदाग्रह, हठ (उप कुंभिणी स्त्री [दे] जल का गर्त (दे २, ३८)। अंग-विकार (पउम ११, ६७, प्राचा)।
८३३ टी)। २ जल-जन्तु विशेषः 'कुरगाह
गाहाइयजंतुसंकुलो (सुपा ६२६)। कुंभिय वि [कुम्भिक] कुम्भ-परिमाणवाला कुक्कुअवि [कुकूज] प्राक्रन्दन करनेवाला
कुच पु [कुच स्तन, थन (कुमा)। (ठा ४, २)।
(उत्त २१)।
कुक्कुआ स्त्री कुचकुचा अवस्यन्दन, क्षरण, कुचोज न [कुचोद्य कुतर्क (धर्मसं १९७५)। कुंभिल पुं [दे. कुम्भिल] १ चोर, स्तेन
रस-रस कर चूना, रसना (बृह ६) । कुच पुं [कूर्च] कँघी, बाल सँवारने का उप(दे २, ६२; विक ५६) । २ पिशुन, दुर्जन |
कुक्कुइअ वि [कौकुचिक] भाड़ की तरह | करण (उत्त २२, ३०)। (दे २, ६२)।
कुचेष्टा करनेवाला, काम-चेष्टा करनेवाला कुञ्च न [कूर्च] १ दाढ़ी-मूंछ (पामा अभि कभिल्ल वि [दे] खोदने योग्ग (दे २, ३६)। (भगः औप)।
२१२) । २ तृण-विशेष (पएह २, ३) देखो कुंभी स्त्री [कुम्भी] १ पात्र-विशेष, घड़े के कुक्कुइअ न [कौकुच्य] काम-कुचेष्टा, कुञ्चग। भाकारवाला छोटा कोष्ठ (सम १२५)। २ 'भंडाईण व नयरणाइयाण सवियारकरणमिह कुच्चंधग स्त्री [कूर्चधरा] दाढ़ी-मूछ, धारण कुंभ, घड़ा (जं ३)। पाग पुं [पाक] १. भरिणयं । कुक्कुइयं' (सुपा ५.६७ पडि)। । करनेवाली (प्रोष ८३ भा)।
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