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प्राकृत-सूक्ति-कोश
पाइयकव्वस्स नमो पाइयकन्वं व निम्मियं जेण । ताह चिय पणमामो पढिऊण य जे वि याति ॥
प्राकृत-काव्य को नमस्कार है, जिन्होंने प्राकृत-काव्य की रचना की है, उन्हें नमस्कार है। जो पढ़कर उन्हें जान लेते हैं, उन्हें भी हम प्रणाम करते हैं।
-वज्जालग्ग (३/१३)
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