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देवदास-देवपति शब्दरत्नमहोदधिः।
११०७ देवदास पुं. (देवानां दासः) हेवोनो हास., सेव, | देवन पुं. (दीव्यत्यनेन दिव्+करणे ल्युट) पास, ५A5, हेव५.10..
हु॥२- प्रकाशमेतत् तास्कर्यं यद्देवनसमाह्वयौदेवदासी स्त्री. (देवमिन्द्रियं दास्नोति हन्तीति देव+दास+ मनौ० ९।२२२। (न. दिव+भावे ल्युट) 81.31-.स.,
अण्+ ङीष्) बी. बी. (स्री. देवाय क्रीडायै २मत, छतवानी ६२७, व्यवहार, स्तुति, शोभा, दासीव) 8.30- वेश्या. (स्त्री. देवस्य दासी
प्ति, परिविन, दुम - 'दुःखशोकतापाक्रन्दनवधपरिपरिचारिका) विताना 514 माटे रा.दा. सी...
देवनान्यात्मपरोभयस्थानान्यसद्वेद्यस्य' -तत्त्वार्थसूत्रे । देवदीप पुं. (देवार्थो दीपः) हेव. माटे होवो. (पुं. देवेषु
(न. दीव्यत्यनेन दीव्यत्यत्रेति च दिव+ल्युट) म इन्द्रियेषु दीपः अथवा देवं दीप्तिशीलं पदार्थं दीपयति
પા, ક્રીડા કરવાનો બાગ-વાડી વગેરે. प्रकाशयति दीप्+णिच्+ अण्) Hiम, सोयन, नेत्र..
देवनदी स्त्री. (देवानां नदी) dju नही, भागीरथी.. देवदुन्दुभि पुं. (देवानां दुन्दुभिरिव हर्षजनकत्वात्)
-देवनन्दिन् पुं. (देवं शक्रं नन्दयति नन्दि+णिनि) रात. तुलसी. (पुं. देवानां दुन्दुभिः) हेवान न॥.
छन्द्रनो द्वारा (पुं. देवैः ताडितो दुन्दुभिः) भष्ट प्रतिय पै.डी. એક પ્રાતિહાર્ય.
देवनल पुं. (देव इव श्रेष्ठत्वात् नल:) 1.50. अने. देवदूती स्त्री. (देवान् इन्द्रियाणि दूयन्ते अवसादयन्तीति
પોલી દાંડીવાળું એક પ્રકારનું ઘાસ-તૃણ. दू+क्तिच्+ङीष्) 30. बी.. (स्री. देवानां
देवना स्त्री. (दिव्+भावे युच् टाप् च) २मत-5131, __ दूती) विनो. सं. 45 री स्त्री.
विदा५. देवदेव पुं. (देवानां देवः) ता.४२ मावानk : देवनाथ पुं. (देवानां नाथः) इन्द्र, ५२मेश्वर.
नाम, विष्णु- 'देवदेवो जगन्नाथो जगबन्धुर्जगद्विभुः' देवनामक पुं. (देवेति नाम यस्य कप्) गन्धर्व, यक्ष, -जिनसहस्र० । (पुं. देवेषु मध्ये दीव्यति दिव+अच्) विद्याधर, भूत-प्रेत पिशाय वगैरे. मडाव. -यदाश्रौषमर्जुनं देवदेवं किरातरूपं त्र्यम्बकं | देवनामन् (.) दुशद्वीपन. २.90 3२७५२तसनी में तोष्य युद्धे-महा० १।१।१६० 1 मा.
पुत्र. (न. देवस्य नाम) हेवन नाम. (त्रि. देव इव देवदेवेश पुं. (देवप्रकारः देवदेवः तस्येशः) ताई.४२ नाम यस्य) हेवोना ठेवा नामवाणु. ५२मात्मा, महाव.
देवनारक पुं. (देवयोनौ नर एव नारः ततः स्वार्थे क) देवदोल पुं. (देवैः द्रष्टव्यो दोल:) प्रात: २वानो १५३५. न.२. (पुं. देवश्च नारकश्च) वि. सने ना२.४ीनो दान महोत्सव.
oq. -देवनारकाणामुपपादः -तत्त्वार्थसूत्रे । देवद्युम्न (पुं.) भरतवंश से. २५%t.
देवनाल पुं. (देवो दीप्तिशीलः श्रेष्ठो वा नाल:) नदत्तम, देवद्रोणी स्त्री. (देवस्य द्रोणीव) वयात्रा, स्वयंभू
हेवन. भावना लिंगने. २२वानो. जाट- देवद्रोणी स्वयं
देवनिकाय पुं. (जै. प्रा. देवणिकाय) विनिय-समान. भूलिङ्गाद्यवस्थानगह्वरम्-रघुनन्दनः ।
व भवनपति साह कानो समूड- देवाश्चतुदेवद्यञ्च त्रि. (देवान अञ्चतीति पजार्थकाञ्चे: क्विन देवस्य टेः अव्यादेशः) विनो. पूरी, विनि. ४.२.
निकायाःतत्त्वार्थसूत्रे । (पुं. देवानां निकायः वासः) देवधन न. (देवार्थं धनम्) हेवानिमित्त
विनो. वास-स्वा. सुं अथवा
देवनिद्, देवनिन्दक त्रि. (देवं निन्दति, निन्द्+क्विप्/ - રાખેલું ધન, દેવ સ્વામિક દ્રવ્ય. देवधानी स्त्री. (देवा धीयन्तेऽस्यां, धा+आधारे ल्युट्
देवान् निन्दति कर्तरि ल्युट) हैवान नं.२२, डीए) छन्द्रनी नगरी-राधानी, अमरावती..
નાસ્તિક-દેવગુરુ ઉપર શ્રદ્ધા રહિત. देवधान्य न. (देवयोग्यं धान्यम्) हेवाने योग्य. धान्य.
-देवनिर्मित त्रि. (देवैर्निर्मितम्) ४३. जनावस-रयेद.. देवधूप पुं. (देवप्रियो धूपः मध्यम. स.) हैवान प्रिय
देवनिर्मिता (स्त्री.) को नामनी. वनस्पति. धूप-गुग.
देवपति पुं. (देवानां पतिः) विनो. स्वामी-इन्द्र -कीचकं देवन् पुं. (दिव्+वा. अनि) पोताना तिनो नानो निहनिष्यामि वृत्रं देवपतिर्यथा-महा० ४।२१।३३ । मus, हिय२.
પરમાત્મા-પરમેશ્વર.
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