________________
दशोणि-दहनी] शब्दरत्नमहोदधिः।
१०४३ समासान्तोऽकारः दशैकादशान् प्रयच्छति इत्यर्थे ष्ठच्) | दस्रदेवता स्त्री. (दस्रो देवता यस्याः) मश्विनी भा२८, એક પ્રકારનો વ્યાજનો ધંધો કરનાર, સો પ્રત્યે દશ मश्विनी नक्षत्र.. લેનાર-સોનું દશ ટકા વ્યાજ લેનાર.
दसंभ न. (दसंभं नक्षत्रम्) अश्विनी नक्षत्र.. दशोणि पुं. (दश बहवः उणयोऽस्य) पुणविषवाणु. दरसू स्त्री. (दस्रौ सूते सू+क्विप्) संज्ञा नामनी सूर्यनी दशौषधकाल पुं. (दविधः औषधकाल:) प्रभु सामु पत्नी ..
સમયે લેવા યોગ્ય દશ પ્રકારનો ઔષધમાલ. | दस्री स्त्री. (दस्यति पांसून्, दस्+रक्+स्त्रियां जातित्वात् दष्ट त्रि. (दश्+क्त) शेख, ४२७j, मे.त्र थयेस. डीष) गधे.. दस् (दर्शने दंशने च चुरा. आ. सक. सेट इदित्- ।
च चुरा. आ. सक. सट् इादत्- | दह (भस्मीकरणे दाहे च, भ्वा. स. पर. अनिट-दहति) दंसयते) , Aj, 3२७. (उत्क्षेपे उपक्षये च
nj -सपदि मदनानलो दहति मम मानसं देहि अपक्षये अक. दिवा. पर. सक. सेट-दस्यति) ये
मुखकमल- मधुपानम्-गीत० १० । २।५ ४. नing, ३४, प्रे२j, 631sj, नाश पाम, मोछु यj.
ang. (दीप्तौ दाहे च चुरा. उभ. स. सेट इदित्(भ्वा. पर. स. सेट- दंसति) उसj, ४२७j, लो.
दंहयति. दंहयते दीप्तौ अक.) ng, , utej. दस पुं, दसन न. (दस्+अच्/दस्+ ल्युट) ये ३४. ते, नाश पाम, क्षीर थj, 613j.
दहत् त्रि. (दह+शत) जाणतुं, तावतुं, मातुं. दसेरकी स्त्री. (दसेरक+स्त्रियां जातित्वात् ङीष्) गधेडी...
दहदहा (स्त्री.) ते नामनी तिस्वामीनी अनुय२॥ दस्त त्रि. (दस्+क्त) ना ४२९, ३३, 613,,
એક દેવી માતૃકા. - ત્યાગ કરેલું.
दहन पुं. (दहतीति दह् + ल्यु, दह्यते कामाग्निना, दस्म पुं. (दात उत्क्षिपति दक्षिणादिकमिति दस्+मक्)
दह+ल्यट च) अग्नि -त्राहि नः शरणापन्नात्रैलोक५%मान, योर, अग्नि, हुष्ट, , यित्रानु उ.
दहनाद् द्विषात् - भाग० ८७।२१। यित्र वृक्ष, (त्रि. दस्+मक्) ३८२, ९८उन.२, ६शन. ४२वा ભીલામું-ભીલામો, કબૂતર, તે નામે રુદ્રદેવ, હોલો योग्य, व योग्य.
પક્ષી, દુષ્ટ મનુષ્ય, ગુગળ, તૃતીય સંખ્યા, કૃત્તિકા दस्य त्रि. (दस्म+यत्) शन. ४२५८ योग्य, व नक्षत्र. (त्रि.) ६६, नाजी नमनार, हुष्ट वित्तवाj. योग्य
(न. दहौ दाहे भावे ल्युट) ६९, पात, भग्नि, दस्यु पुं. (दस्यति परस्वादिकं नाशयति दस्+युच् सं२७२ ४२वी, ६०५. थ, मण..
अनुनासिकत्वात् नानादेशः) महासासि., -स- दहनकेतन पुं. (दहनस्य केतनमिव) धूम, धुमाउt. दुष्ट, यो२. -विक्रोशन्त्यां यस्य राष्ट्राद्धियन्ते दस्युभिः दहनप्लुष्ट त्रि. (दहनादिव प्लुष्टं प्लोषणं यस्मात्) प्रजाः । संपश्यतः सभृत्यस्य मृतः स न तु जीवति વૈદ્યક-પ્રસિદ્ધ એક દાહક પદાર્થ. -मनु० ७।१४३। असु२, शत्रु, तिमेह- ग्राम, दहनप्रिया स्त्री. (दहनस्य प्रिया) अनिनी स्वाहानामनी ક્ષત્રિય, વૈશ્ય, શૂદ્ર – આ ચાર વર્ષથી ભિન્ન એક
पत्नी-प्रिया. જાતિ, કૂર, પોતાનું કર્મ છોડી દેવાથી જેને બહિષ્કૃત
दहनबहुल पुं. (दहनं बहुलमत्र) भनि, यित्रवृक्ष. ज्यो. होय ते. (त्रि. दस्+युच्) संभ्रष्ट, पतित,
दहनरक्ष (न.) वृत्ति नक्षत्र.. જાતિય્યત.
दहनसहचर, दहनसारथि पुं. (दहनस्य सहचरः, दस्युसात् अव्य. (दस्यूनामधीनं भवति करोति सम्पद्यते वा दस्यु+साति) यो२ने. साधान, शत्रुने, साधीन.
सारथिर्वा) वायु. दस्युह पुं. (दस्युं हन्ति) सुश्रीवानो भोटो Hus arel..
दहनागुरु न. (दहनस्य दहनाय अगुरुः) पाणवा माटेर्नु दस्र पुं. (दस्यति पांसून् दस्+रक् दस्यति रोगान् इति
सगर. वा) गधेडो, मश्विनी नक्षत्र, अश्विनीकुमार.
दहनाराति, दहनारि पुं. (दहनस्यारातिः अरिवा) ५uel, (पुं. द्वि. व. दस्+रक्) अश्विनी कुमार, जेना. संध्या. (न. दस्+रक्) शिशिर ऋतु. (त्रि.) डिंस, डिंसा
| दहनी स्त्री. (दह् + ल्युट-ङीप्) भोरवे नम.नी. वनस्पति. ३२ना२.
(स्री. जै. प्रा. दहणी) विद्याविशेष.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org