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शब्दरत्नमहोदधिः।
[ताम्रफलक-तायु
ताम्रफलक न. (ताम्रनिर्मितं फलकम्) तमिलेम, diलान | ताम्रसार न. (तानं रक्तं सारमस्य) २७. यंहन. वृक्षसपनपत्र.
तां४जी. ताम्रबीज पुं. (ताम्राणि बीजानि यस्य) मुखत्यनु, आ3, | ताम्रसारक, ताम्रसारिक पुं. (ताम्रः रक्तः सारोऽस्य रणथी. (न. ताम्रम् बीजम्) सास बी४.
कप) रातो २, २७त. यंहन वृक्ष. (त्रि.) रात ताम्रबीजा स्त्री. (ताम्राणि बीजानि यस्याः) 50.. सारो j४२. (ताम्रः सारोऽस्त्यस्य ठन्) रातो ताम्रभस्मन् न. (ताम्रस्य भस्म) diबानीज-तममम. २, २४त. यंहन. वृक्ष. ताम्रमय त्रि. (ताम्रस्य विकारः मयट) तामान. ताम्रा स्त्री. (ताम्र+टाप्) सैउिदा. नमानी वनस्पति, रा.ती. ताम्रमुख त्रि. (तानं मुखमस्य) diali. ४२j, २राता વેલ, પ્રજાપતિ કશ્યપની પત્નીઓમાંની એકभोवाj. (पुं.) राता भुजवाणो मनुष्य.
सुरभिविनता तद्वत्ताम्रा क्रोधवशा इरा- मात्स्ये०६।२। ताम्रमूल न. (तानं मूलम्) रातुं भूमिथु. (त्रि. तानं | ताम्राकु (पुं.) अढा२. उपद्वीपो पै.४ मे. ५. मूलमस्य) २रात भूलियांवाj.
ताम्राक्ष त्रि. (ताम्र अक्षिणी यस्य) राती सजवाणु. ताम्रमूला स्त्री. (ताम्र ताम्रवर्णं मूलमस्याः) हुशलमा (पुं.) यद५क्षा- बन्धामर्षताम्राक्षः पशुं रसनया
नामनी वनस्पति, ताम्रपा- सिंही व्याघ्री ताम्रपर्णी ___ यथाभाग० ११७।३३। पटोली-भावप्र० ज्वराधिकारे ।
ताम्राक्षी स्त्री. (ताम्राक्ष+ङीष्) ओयद पक्षिय. ताम्रमूली स्त्री. (तानं रक्तं मूलमस्याः स्रियां ङीप्) ताम्राख्य पुं. (ताम्र इति आख्या यस्य) ते. नामनी मे.
घासी, भ69, रिसामान वेतो. (स्त्री.) घमासो उपद्वी५. નામની વનસ્પતિ.
ताम्राभ न. (ताम्रस्य आभेवाभा यस्य) २७तयंहन, ताम्रयोग (पुं.) वैध४॥स्त्र प्रसिद्ध है. औषध. २disel.. (त्रि. ताम्रा रक्ता आभा यस्य) Le. ताम्ररसायनी स्त्री. (ताम्ररसस्य रक्तनिर्यासस्यायनी) तिवाणु, eue. हेमावर्नु, पर्वत. विशेष- रुचका ___ गोरक्षदुग्धा नमानी वनस्पति..
निषधं प्राप्ता ताम्राभं निषधादपि-ब्रह्माण्डे ४७ अ० । ताम्रलिप्त, ताम्रलिप्तक (पु.) ते नामे मे. हेश. ताम्रारुण (न.) ते. नामे मे. तीथ.. ताम्रलिप्ती (स्त्री.) ते ना. स. नगरी..
ताम्रार्द्ध पुं. (ताम्रस्याद्धोंऽशभेद उत्पादकोऽस्य) सुं. ताम्रवर्ण त्रि. (ताम्रो वर्णो यस्य) राता गवाणु, रातुं. ताम्रावती (स्त्री.) ते. नामनी में नही.
(पुं. ताम्रश्चासो वर्णश्च) रातो al, में तनु घास ताम्राश्मन् पुं. (ताम्रः अश्मा) ५५राम-. भारतनो मे द्वीप- इन्द्रद्वीपः कसेरुश्च ताम्रवर्णो | ताम्रिक त्रि. (ताम्रस्येदम् ठज) diबानं. तial-संबधीगभस्तिमान्-मात्स्ये ११३।८।।
यथा कार्षिके ताम्रिके पण:-अमरः २१९८८। - ताम्रवर्णी स्त्री. (ताम्रो वर्णो यस्याः) 821, तसर्नु ८.. कार्षापणं तु विज्ञेयस्ताम्रिकः वार्षिक: पण:ताम्रवल्ली स्त्री. (ताम्रा चासौ वल्ली) म.60, यिडू, __ मनु० ८।१२६ । (पुं. तानं तत्पात्रादिनिर्माणं शिल्पमस्य દેશમાં પ્રસિદ્ધ એક વેલો, હરકોઈ રાતી વેલ.
ठञ्) सा. ताम्रवृक्ष पुं. (ताम्रः वृक्षः) २७तयंहन. वृक्ष-२di०४जीनु | ताम्रिका, ताम्री स्त्री. (ताम्रिक+टाप्/ताम्रस्य विकारः ઝાડ, કળથીનું ઝાડ, હરકોઈ રાતું ઝાડ.
अण्+ङीप्) २५08, dilनी घटि51, मे. तनु ताम्रवृन्त पुं., ताम्रवृन्ता स्त्री. (तानं वृन्तं यस्य/तानं वाहित्र-मभा.
वृन्तं यस्याः ) थार्नु 3. (न. तानं वृन्तम्) २ | ताम्रिकी स्त्री. (ताम्रिक+स्त्रियां जातित्वात् ङीष्) Au२-. हो.
स्त्री-स॥२५॥. ताम्रशिख, ताम्रशिखिन् पुं. (ताम्रा शिखा यस्य। | ताय् (भ्वा. आ. स. सेट-तायते) पाणयु, २१५। ४२j,
ताम्रशिखाऽस्ति यस्य) 32. (त्रि. न.) शती. विस्तार, ३साव. કલગીવાળું, લાલ શિખાવાળું.
तायिक पुं. (ताय+ठञ्) ते नामनी में देश. (पुं. ब. ताम्रशिखिनी, ताम्रशिखी स्त्री. (ताम्रशिखिन्+ङीप्। व.) तायि-ता देशना als. ताम्रशिख+ङीप्) 183.
तायु पुं. (ताय्+उण्) यो२, ५४२.
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