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गवाश्वप्रभृति-गह शब्दरत्नमहोदधिः।
७५७ गवाश्वप्रभृति न. नीय' व्या४२४८ प्रसिद्ध में.5 | गवेष (चुरा. उभ० स० सेट-गवेषयति, ते) ५g,
श६ समूह- गवाश्वम्, गवाविकम्, गवैडकम्, | तपास. १२वी- तस्मादेष यतः प्राप्तस्तत्रैवान्यो अजाविकम्, अजैडकम्, कुब्जवामनम्, कुब्जकिरातम्, ___गवेष्यताम्-कथा० ५५ पुत्र-पौत्रम्, श्वचण्डालम्, स्त्रीकुमारम्, दासीमानवकम्, गवेष त्रि. (गविष्+अच्) शोधना२, त५.स. ४२न॥२. शाटी-पटीरम्, शाटीप्रच्छदम्, शाटिपट्टिउष्ट्रशशम्, । (पुं.) शो५ तास.. उण्ट्रशशम्, मूत्रपुरीयम्, यकृन्मेदः, मांसशौणितम्, | गवेषण न. त्रि. (गवेष्+ ल्युट) शोध, तास, शोध, दर्भशरम्, दर्भपूतीकम्, अर्जुनशिरीषम्, तृणोपलम्, तपास. (त्रि.) शौचना२, (गो+इष्+ ल्यु) य. अने. दासीदासम्, कुटीकुटम्, भागवतीभागवतम्-गवाश्वादीनि પાણી શોધનાર. यथोच्चारितानि साधूनि-सि० कौ० ।
गवेषणा (स्त्री. गवेष्+भावे युच्) , तपास, विया२, गवाह्निक न. (गोः अह्रिभवं दिनभक्षणाय पर्याप्तम् (गोः उदकस्य वा एषणा) ॥य मने पानी शोध
अहन्+ठक् आह्निकम्) यने. . हिवस. पूरतुं तपास. ઘાસ વગેરે.
गवेषित त्रि. (गवेष्+क्त) शोधे, तपासेस, शोधेो. गविजात पुं. (गवि गोसंज्ञाया पुलस्त्यकार्यायां वा | गवेषिन् (गवेष्+णिनि) शोधनार, विया२नार, तपास. जानतः) ते नमन वि.
ना२. गविनि स्री. (गवां समूहः इनि) योनो मनो गवेष्ठिन् पुं. ते. नामनी में दैत्य. समूह.
गवैडक न. (गौश्च एडकश्च गवावा. नि. क्लीबता च) गविष्, गविष त्रि. (गां स्तुतिवाचमिच्छति इष्+क्विप् । | uय. अने घेटु.
त्रि. इष्+ क) स्तोaur वायनी 21वाj. गवोद्घ पुं. (प्रशस्तः प्रशस्ता वा गौः) उत्तम. य. गविष्ट पुं. सूर्य, ते नामनो मे हनव.
गव्य (नामधातु प. अ. सेट-गव्यति) पोतान vil गविष्टि पुं. (गो+इष्+अन्वेष+क्तिन्) गाय शोधना२. ગાયની ઇચ્છા કરવી. गविष्ठ पुं. ते नामनी में हैत्य.
गव्य त्रि. (गोर्विकारः गवि भवं गोहितं गोरिदं वा सर्वत्र गविष्ठिर पुं. (गवि वाचि स्थिरः) ते नमन में यत् यादौ अव्) uयन वि.२ दूध, घी, ६ ७.९५, ગોત્ર પ્રવર્તક ઋષિ.
મૂત્ર વગેરે, ગાયમાં થનાર, ગાયના હિતનું, ગાયનું. गवी स्त्री. (गो+ङीप्) ॥य, वा, व्याण्यान.
॥य संबन्धी, मनु, पण संबन्धी. (न. गो+यत्) गवीधुका स्त्री. (गवेधुका पृषो.) में रतन धान्य. ધનુષની દોરી, એક જાતનું રંગવાનું દ્રવ્ય, ગોરોચન गवीन त्रि. प्रथम त्र्य यता. ते. स्थण.
द्रव्य. गवीश, गवीश्वर, गवेश्वर पुं. (गवामीशः ईश्वरश्च वा) गव्ययी स्त्री. (गोरिदं अयट युङागमश्च यादौ अव+ङीप्)
ગાયનો ઘણી, ગાયનો સ્વામી, ગાયનો રક્ષક. ગાયના અવયવરૂપ તેની ચામડી વગેરે. गवेङ्गित न. (गवामीङ्गितम् अवङ्) शुभ-अशुभ सूय | गव्ययु त्रि. (गामिच्छति गो+क्यच् उन्) गायनी. ___ यनी येष्टा
६२alj. गवेडु पुं., गवेडुका स्त्री. (गवे दीयते दीङ् रक्षणे कु | | गव्या स्त्री. (गव्य+टाप्) गोरायनl, Puयोन. समूह, जे.
पृषो० दस्य ङ अलुक् । गवेडु कन्+टाप्) ५शुभाने. ओशनो. समूह, धनुषनी हो. ખાવા યોગ્ય એક જાતનું ધાન્ય.
गव्यु त्रि. (गामिच्छति क्यच+उन्) यन. २auj.. गवेधु पुं. (गवे धीयते धा+कु) से तनु धान्य. - गव्यूत न. (गव्यूतिः पृषो.) होश, श. गवेन्द्र पुं. (गोरिन्द्र इव) भोटो. पण.
| गव्यूति स्त्री. (गोर्दूति गोयूँतौ पा. अव्) u6, गवेरुक न. (गां गोशोभामोरयति ईर् उकन्) २. २ धनुषनी ials, 06. गवेशका, गवेशकी स्त्री. (गवामीशः कै+क टाप् । गह (चुरा. उभय. स. सेट-गहयति, गहयते) गहन
गवामीशः कै+क गौरा ङीष्) मे तनुं वृक्षविशेष. | थj, प्रवेश न. ७२री. आय. तेj.
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