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अगुलिसंज्ञा-अचलमा
शब्दरत्नमहोदधिः। अङ्गुलिसंज्ञा स्त्री. (अङ्गुल्या संज्ञा-संकेतज्ञापनम्) | अधिप अघ्रिणा मूलेन पिबति पा-क) वृक्षमात्र, 3.
આંગળીથી સંકેત જણાવવો તે, આંગળીથી કરેલી સંજ્ઞા | अप्रिपर्णी नी. (अङ्घौ पर्णमस्याः सा) ने भूणांची अगुलिसन्देश पु. (अङ्गुलिद्वारा सन्देशः) Hinalll પાંદડાં હોય તેવું વૃક્ષ.. ધ્વનિથી સન્દશ – સંજ્ઞા આપવી તે.
अध्रिपणिका स्त्री. (अङ्घो पर्णमस्याः सा जातो अगुलिस्फोटन न. (अङ्गुल्योः स्फोटनं यत्र) ३. ङीप् स्वार्थे कन्) 6५२-1. ०४ शहाथ..
मागणीधी. ५५0 dusal., अथवा 33150 अङ्गधिपान त्रि. 400ठेम पोतन सो संगठी ફોડવા તે.
यूसना२. अगुली स्त्री. (अङ्गुलि-डीप्) alonvin.. अधिवल्लि स्त्री. (अनेरारभ्य वल्लिरिव) ने भूगी. अङ्गुलीक न. (अङ्गुली-कन्) all, अंगूठी..
આરંભી વેલાઓ હોય તેવું વૃક્ષ. अगुलीपञ्चक न. (अङ्गुलीनां पञ्चकम्) पाये |
अभिवल्लिका श्री. (अङ्घरारभ्य वल्लिरिव स्वार्थे આંગળીઓ.
के हुस्खे टाप्) 6५२नी. ४ शहा. अङ्गुलीय न. (अगुल्या भवं-छ) Hinीन म.२,
अच् (भ्या. उभ. इदित अक. वेट) १. j, raj, वी.2.
२. सन्मान. २, २. प्रार्थना 5२वी. वगैरे. अगुलीयक न. (अङ्हुलीय-कन्) 6५८. ४ शार्थ.. अचक्षुस् न. (अप्रशस्तं चक्षुः) मराज wain. अङ्गुलीवेष्ट पु. (अङ्गुलि वेष्ट ध) मुद्रिी, वाह..
अचक्षुस् त्रि. (नास्ति चक्षुर्यस्य) in विनuनुध,
अचण्ड त्रि. (न चण्डः) 64नात, नहात, सौभ्य. अगुलीसंभूत पु. (अगुल्या सम्भूतः) मा. अगुलीसंभूत पु. (अङ्गुल्यां सम्भूतः) Hinmlil4l.
अचतुर त्रि. (न सन्ति चत्वारि यत्र) i यानी
संध्या नथीत. अङ्गुल्यादि पु. (अङ्गुलिः आदिर्यस्य) u®नि मर्षिय
अचतुर त्रि. (न चतुरः) यतुर नलित, मन.. કહેલ શબ્દગણ.
अचञ्चल त्रि. (न चञ्चल:) यंयद नलि. भ- अगुलि भरुज बभ्रु वल्गु मण्डर मण्डल
अचपल त्रि. (न चपल:) यवता विनानु, स्थिर. शष्कुली हरि कपि मुनिरुह खल उदश्वित् गोणी
अचर पु. (न चरः) पृथिव्याहि स्थावर 4, स्थिर. उरस् कुलिश इति.
अचरम त्रि. (न चरमः) संसारमध्यवता, छ3 नलि
આવેલ છે. भङ्गुष्ठ पु. (अगु-स्था-क) 0.pही.
अचल त्रि. (न चल:) १. अयण, स्थिर, ६८ (पु.) अगुष्ठमात्र (अङ्गुष्ठ परिमाणार्थे मात्रच्) अंगूठान
૨. દશ દશાહમાંના છઠ્ઠા દશાહ, મલ્લિનાથના પૂર્વ મધ્યપર્વ જેટલું લાંબું.
ભવનો (મહાબલ ભવનો) એક મિત્ર કે જેણે તેમની अङ्गुष्ठ्य (अङ्गुष्ठे भवः यत्) 6tो नम.
સાથે જ દીક્ષા લીધી હતી, ૩. ચાલુ અવસર્પિણીના अङ्गुष पु. (अङ्ग-उषन्) नीलियो, cusl...
પહેલા બળદેવનું નામ, ૪. અંતગડસૂત્રના બીજા अङ्घ (भ्या. आ. अक. सेट) १. ४, २. प्रारंभ
વર્ગના પાંચમા અધ્યાયનું નામ, ૫. અંધકવૃષ્ણિ १२वी, 3. ही ४२वी, ४. धमाव.
રાજાની ધારિણી રાણીના પુત્ર. अार न. (अङ्गघ क्रिन्) ५२५, ६ ५४वस्तुनो
अचल पु. (न चलः) १. पर्वत, २. मादी, . शिव, ચોથો ભાગ.
४. मात्भा . अङ्गरिकवच न. (अङ्घरेः कवचम्) ५ .31.
अचल न. (न चलम्) ५२७.. अघरिज त्रि. (अङ्घरौ जायते) शूद्र.
अचलकन्या स्त्री. (अचलस्य हिमाचलस्य कन्या) अवस् न. (अङ्घि गतौ-असुन्) ५५.
हिमालयनी पुत्री पार्वती, अचलजा, अचलजाता. अङ्गारि पु. (अङ्घ ऋ-इण्) iतिमान, हाप्तिमान्. अचलकीला स्त्री. (अचला कीला इव यस्याः) पृथ्वी.. अध्रि पु. (अङ्घि गतौ इन्) ५, भूमियु. अचलज त्रि. (अचलात् जातः) uddi 64न्न थये. अध्रि पु. (अङ्घि गतौ करणे क्रिन्) ५०, वृक्षर्नु अचलजा स्त्री. (अचलात् हिमालयात् जायते जन्भूणियु, २alsk, यो) ५२४...
ड ये) पार्वत..
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