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पत्र.
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शब्दरत्नमहोदधिः।
[आजमाय॑-आजीविका आजमाय॑ पु. (अजमारस्य अपत्यम् ण्य) २४.२... છતાં અસવારને પોતાના સ્થાને પહોંચાડનાર ઉત્તમ
घो. -शक्तिभिभिन्नहृदयः स्खलन्तोऽपि पदे पदे । आजमीढ पु. (अजमीढो देशभेदः तत्र भवः अण) , आजानन्ति यतः संज्ञामाजानेयास्ततः स्मृताः ।।
१. २४२म थना२, २. २०४२नी २८%81, 3. ते -शब्दक० નામનો એક યાદવ રાજા.
आजायन पु. (अजस्य अपत्यं नडा फक्) १. वह आजमीढक त्रि. (अजमीढेषु भवः वुञ्) ५.४.२i. हवन पुत्र, २. ५४ नामना २५%ानो पुत्र.. थना२.
आजि स्त्री. (अजन्ति अस्याम् अज्+इण्) १. संग्राम, आजयन न. (आजीयतेऽत्र आ+जि+आधारे ल्युट) ___२. २८ भूमि, 3. भय[६८, ४. समान भूमि, प. युद्ध.
आक्षे५. -माजौ चलं बलवतामपि भूपतीनाम् –भक्ता० आजरस अव्ययी० (जरापर्य्यन्तम् अव्य० अच्) वृद्धावस्था आजि पु. (अज्+भावे+इण्) क्षए, भा. पर्यन्त.
आजिनीय त्रि. (अजिनस्य चर्मणः सन्निकृष्टादि कृशाश्चा० आजरस त्रि. (आगता जरा यस्य अच्) ने वृद्धप छण) यामउनी सभीपनी प्रदेश वगैरे. પ્રાપ્ત થયું હોય તે.
आजिरि त्रि. (अजिरस्य सन्निकृष्टादि+इञ्) भनी आजवस्तेय पु. स्त्री. (अजवस्तेॠषेरपत्यम् शुभ्रा० ढक्) પાસેનો પ્રદેશ વગેરે. અજવસ્તિ નામના ઋષિનો પુત્ર.
आजिरेय त्रि. (अजिरे भवः ढक्) Hinuvi थना२. आजवाह त्रि. (अजो वाह्यतेऽत्र वह+णिच आधारे | आजिहीर्षा स्त्री. (आहर्तमिच्छा आ+ह+सन भावे अ)
घञ्) ते. नामनी हे२, (तत्र भवः अण्) तेमा थनार, હરણ કરવાની ઈચ્છા. डोनार.
आजिहीर्षु (आहर्तुमिच्छु आ+ह+सन्+डु) ४२७४२वा आजातशत्रव पु. (अजातशत्रोरपत्यम् अण्) १. युधिष्ठि२. छनार. २%ानो पुत्र, २. शत्रु२लित अवो 5%पुत्र, | आजी स्री. (आजि+वाङीप्) भया. आजि श६
ભદ્રસેન રાજા. आजाति स्त्री. (आ+जन्+क्तिन्) ४न्म, उत्पत्ति.. आजीकूण न. (आजी कूणति कूण+आधारे क) ते आजाद्य पु. स्त्री. (अजमत्ति अद् + अण् अजादः __नामनो मे हे.. तस्यापत्यम्) छामक्ष मुनिनो पुत्र..
आजीकूणिक त्रि. (आजिकूणे भवादौ पथ्यादौ वुञ्) आजान अव्ययी० (जनो जननमेव अण जानः-सृष्टिः, आए। शिनो भा०, न्याय, विडार, मनुष्य, हाथी तत्पर्य्यन्तम्) १. सृष्टि ५थ्यन्त, २. उत्पत्तिनु आजीगति पु. (अजिगर्तस्य अपत्यं बाह्वादि इञ्) સાધન પ્રકૃતિ.
અજીગર્તનો પુત્ર. आजान पु. (आ+जन्+घञ्) उत्पत्ति, ४न्म. आजीव पु. (आजीव्यतेऽनेन आजीव+करणे घञ्) आजानज त्रि. (आजानं जायते जन्+ड) सृष्टिाथी ૧. આજીવિકા માટેનો ઉપાય, ૨. આજીવિકાના આરંભી ઉત્પન્ન થયેલા દેવાદિ.
ઉપાયરૂપ કોઈ દ્રવ્ય વગેરે, ૩. આજીવિકા માટે કોઈનો आजानदेव पु. (आजानं सृष्टिकालमारभ्य देवत्वमाप्तः) भाश्रय देवो ते, ४. वि.51 5२८२.
સૃષ્ટિકાળથી માંડીને દેવપણાને પામેલ કોઈ દેવ. आजीवन (आजाव्यते ऽनेन आ+जीव + ल्युट) आजानि त्रि. (आ+जन्+अन्तर्भूतण्यर्थे इण् छन्दसीति १. मावि.नो. पाय, २. मावि.st.
दीर्घः) ४.७, उत्पन्न ४२८२, ५७४न्भेस.. आजीवक पु. (आ जीव कन्) 04.5 मतमो. साधु. आजानिक्य न. (आजानौ भवः ठन तस्य भावः कर्म आजीवन अव्य. (जीवनपर्यन्तम्) ®वता सुधी..
वा यक्) ४-मथी. सारंमा सिद्ध वो 5 हाथ नो. आजीविक त्रि. (आजीवति आ+जी+कर्त्तरि+ण्वुल्) ભાવ અથવા કર્મ.
१. वि.51 24वन॥२, २. २२सनो मत. आजानेय पु. (आजे-विक्षेपेऽपि आनेयोऽश्ववाहो | आजीविका स्त्री. (आजीवयति आ+जी+णिच्+ण्वुल)
यथास्थानमस्य) या गुणनो, मुदीन, विक्षे५. ५७वा गु४२॥न. माटेन. व्या५८२, शु°४२८न..
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