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अश्मगर्भ–अश्रवण]
अश्मगर्भ पु. ( अश्मेव कृतो गर्भोऽस्य) भरतमसि पानां, पन्ना.
अश्मगर्भज पु. ( अश्मगर्भाज्जायते जन्+ड) भरतमशि गेरू, बोदु.
अश्मगुड पु. ( अश्मनिर्मितो गुडः गोलाकारः पदार्थः) १. पथ्थरनो गोजी, २. पथ्थर मनावेसुं शुद्धी નામક એક અસ્ત્રભેદ.
शब्दरत्नमहोदधिः ।
अश्मघ्न पु. ( अश्मानं हन्ति हन् + टक्) खेड भतनुं लाड, पाषाणमेह वृक्ष.
अश्मज न. ( अश्मनो जायते जन्+ड) १. पथ्थरथी उत्पन्न थयेस शिक्षाकृत, २. सोढुं. अश्मजतु न. ( अश्मनो जायते जन्तुन् किच्च) शिवाछत.
अश्मजतुक स्त्री. (अश्मजतु + कन्) उपरनो अर्थ दुख.. अश्मजाति स्त्री. ( अश्मनो जातिः सामान्यमस्य ) भरतमणि, पानां.
अश्मदारण पु. ( अश्मानं दारयति दृ + णिच् + ल्युट् ) पाषाएाने झेडनार, s
अश्मदिद्यु त्रि. (अश्मव्यापकं अश्ममयं वा दिद्यु यस्य) પથ્થરમય, પથ્થરમય આયુધવાળું. अश्मन् पु. ( अश्रुते व्याप्नोति संहन्ति अनेन वा कर्त्तरि करणे वा मनिन्) पाषाण, अम्भ, पत्थर, भेघ, पर्वत, १४, त्रि. व्याप5.
अश्मन्त न. ( अश्मनोऽन्तं यत्र ) १. अशुभ क्षेत्र, जेतर, भेहान, २. यूस, उ. लठ्ठी ४. मृत्यु. अश्मन्तक पु. ( अश्मन् + अन्त+ णिच् + ण्वुल्) १. २.४
भतनुं तृा, २. यूसी, उ. लठ्ठी, ४. हीवानुं छाछ, - પ. એક જાતનું ઝાડ, જેના રેસાઓથી બ્રાહ્મણની
४नो जनावाय छे, 9. सम्पत्र, ७. श्रीविहार वृक्ष.
अश्मन्मय त्रि. (अश्मनो विकारः मयट् ) पथ्थरमय अश्मपुष्प न. ( अश्मन: पुष्पमिव ) शिवाछत अश्मभाज न. ( अश्मेव भाजयति चूर्णीकरोति) सोढानी
सांडशी, हस्ती, खेड भतनुं सोमंडनु पात्र. अभिद् पु. ( अश्मन् + भिद्+क्विप्) पथ्थरने लेहनार
खेड प्रहार वृक्ष, पाषाण ले.. aryana q. (31947+fHq 3701) Guzril 21el gail. अश्मभेदक पु. ( अश्मन् + भिद् ण्वुल् ) उपरनो अर्थ
दुखो
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अश्मयोनि पु. ( अश्मा योनिरस्य) भरतमणि, पन्ना अश्मर त्रि. (अश्मन्+र) पथ्थरनुं, पथ्थर संबंधी, लोढुं, नीलमि
अश्मरथ पु. (अश्मैव दुर्भेदो रथोऽस्य) ते नामना खेड ऋषि
अशारी स्त्री. ( अश्मन्+रा+क + ङीप् ) खायुर्वेद्दमां પથરીનો મૂત્રાશયમાં થતો રોગ, મૂત્રકૃચ્છ. अश्मरीघ्न पु. ( अश्मरी हन्+ट) वरुरावृक्ष, पथरी रोगनो
નાશ કરનાર.
अश्मरीहर पु. ( अश्मरी हरति हृ+ट) देवधान्य. अस्मवत् त्रि. (अश्माऽस्त्यत्र मतुप् ) प्रेमा धसा पथ्थर હોય તેવો દેશ.
अश्मसार पु. न. (अश्मनः सार इव) सोढुं अश्मसार त्रि. (अश्मनः सार इव) पथ्थर ठेवु हस. अश्महन्मन् न. ( हन्यतेऽनेन हन्+ मनिन् हन्म - आयुधम्
अश्मनिर्मितं हन्स) दोनु बनावेसुं हथियार. अश्मादि पु पाणिनिय व्यास प्रसिद्ध शब्द गुएा यथा - अश्मन्, यूथ, उष, मीन, नद, दर्भ, वृन्द, गुद, खण्ड, नग, शिखा, कोट, पाम, कान्द, गह्व, गुड, कुण्डल, पीन, गुह. अश्मान् न. ( अश्मकारकमर्म) पथरीनो रोग. अश्मीर पु. न. ( अश्माऽस्त्यस्य ईरन्) (५२नो अर्थ
दुख.
अश्मोत्थ न ( अश्मनः उत्तिष्ठति उद् + स्था+क) शिसाछत.
अश्र न. ( अश्नुते नेत्रम् अश् + रक् ) नेत्र४५ आसु, बोडी (प्रायः अस्त्र बजाय छे.) द्विनारी, अश्रद्ध त्रि. ( न श्रद्धा यस्य) श्रद्धा विनानुं. अश्रद्धा स्त्री. ( न श्रद्धा) श्रद्धानो अलाव अश्रद्धान न. (न श्रद्धानम्) १. श्रद्धा नलि रतु, २. नहि मानतुं.
अश्रद्धेय त्रि. ( न श्रद्धेयः) १. श्रद्धा ४२वाने योग्य, ૨. વિશ્વાસ નહિ રાખવા લાયક.
अश्रप पु. ( अश्र+पा+ड) सोही पीनार राक्षस, नरभक्ष अश्रम त्रि. ( न श्रमः यस्य) श्रम वास्तु धार्ड विनानु अश्रम पु. ( न श्रमः) श्रमतो अभाव थांनी लाव अश्रवण त्रि. ( न श्रवणं यस्य) न विनानुं जरू શ્રવણેન્દ્રિય રહિત.
अश्रवण पु. ( न श्रवणं यस्य) सर्प.
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