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१७४ शब्दरत्नमहोदधिः।
[अरिष्ठ-अरुणप्रभा अरिष्ठ त्रि. (अरये तिष्ठते स्था-क वेदे षत्वम्) शत्रुभानो | अरुज पु. (न रुजति रुज्+क) ते. नमर्नु . , નાશ કરવા માટે ઊભા થનાર.
ते नामनो से राक्षस.. अरिसूदन पु. (अरीन् सूदते इति सूदनः) शत्रुमीनो अरुज त्रि. (न रुजः यस्मात् यस्य वा) नीश, रोग नाश. ४२॥२- अरिहिंसक
ન થાય એવું સાધન, રોગ વગરનું, તંદુરસ્ત. अरिस्तुत त्रि. (अरिभिः स्तुतः) शत्रुमाथी स्तुति. २राये.द.. अरुण पु. (ऋ उनन्) १. सूर्य, २. सूर्यनो साथि, अरिह त्रि. (अरीन् हन्ति हन्+ड) शत्रुओ.न. २. 3. गोम, ४. संध्यानो २२, सास-गुदामी, २८२.
५. नि:श६, ६. ते नाम.नो. 2. हानव, ७. में अरीढ त्रि. (न रीढः लीढः) नलि स्वाह दी.स, नलि तनो ओढ, ८. पुत्रानु, काउ, ८. माव्यात. २२, याणेल.
૧૦. કાળો મિશ્રિત રાતો રંગ, ૧૧. તે નામનો એક अरीहण पु. ते नामनो २५%81.
हेश, १२. 40531र्नु आ3 अरीहणादि पु. (अरीहण आदिर्यस्य) 48नीय. ८४२५८ अरुण न. (ऋ उनन्) १. स.२, २. सिंदूर, 3. ए. प्रसिद्ध से श०समूड -स च अरिहण, द्रुघण,
अरुण त्रि. (ऋ उनन्) आणु, मिश्रित. रा. द्रुहण, भगल, उलन्द, किरण, सांपरायण, क्रौष्ट्रायण,
अरुणकमल न. (अरुणं च तत् कमलं च) ee. औष्ट्रायण, त्रैगर्तायन, मैत्रायण, भास्वायण, वैमतायन,
म. गौमतायन, सौमतायन, सौसायन, धौमतायन, सौमायन,
अरुणज्योतिस् पु. (अरुणं ज्योतिः यस्य) शिव.. ऐन्द्रायण, क्रौन्द्रायण, खाडायन, शाण्डिल्यायन,
अरुणता स्त्री. (अरुणस्य भावः तल्) १. २., रायस्योष, विपथ, विषाश, उद्दण्ड, उदञ्चन,
२. दादाश. खाण्डवीरण, वीरण, कशकृत्स्न, जाम्बवत, शिंशपा,
अरुणत्व न. (अरुणस्य भावः त्व) 6५२+ो. मा. रैवत, विल्व, सुयज्ञ, शिरीष, बधिर, जम्बु, खदिर,
मो. सुशर्मन्, दलन्, भलन्दन, खण्डु, कनल, यज्ञदत्त
अरुणदूर्वा स्त्री. (अरुणा दूर्वा) 3. इति अरिहणादि.
अरुणप्रिय पु. (अरुणं पुष्पं प्रियं यस्य) १. दार अरीहणीय त्रि. (अरिहण+छ) मा २0%10. पानो
गर्नु, दूर व्हेने प्रिय छ ते, २. सूर्य..
अरुणप्रिय त्रि. (अरुणं प्रियं यस्य) दास. वाणु ने हेश. अरुषिका स्त्री. (अरुषि जाता ठन्) ते. मनो .
प्रिय होय .
अरुणप्रिया स्त्री. (अरुणस्य प्रिया) १. सूर्यनी. स्त्री, शा. अरुक्ष त्रि. (न रुक्षः) सूj नलित, स्निप, यी..
२. संश, 3. छाया.
अरुणप्सु त्रि. (अरुणः प्सुः रूपं यस्य) सास. २१.३५वाणु. अरुक्षित त्रि. (न रुक्षितः) 6५२. अर्थ. हु..
अरुणभार्या स्त्री. (अरुणस्य भार्या) अरुणप्रिया २६ अरुक्ष्ण त्रि. (न रुक्ष नन्) 6५२नो अर्थ हुआ.
मो. अरुग्ण त्रि. (न रुग्णः) नी0०0, रोगडित.
अरुणलोचन पु. (अरुणे रक्ते लोचने यस्य) अभूतर अरुच् त्रि. (नास्ति रुक् कान्तिर्यस्य) प्रशडीन, मलामस.,
पक्षी.. भेा.
अरुणलोचन त्रि. (अरुणे रक्ते लोचने यस्य) राती अरुचि स्त्री. (न रुचिः) स२थि, यि नाडित, असंतोष,
આંખવાળું. ભૂખ ન લાગવી, મીઠાશ ન લાગવી.
अरुणसारथि पु. (अरुणः सारथिर्यस्य) सूर्य.. अरुचि त्रि. (न रुचिर्यस्य) वि. वसनु.
अरुणप्रभ पु अनुसंधर वान योथा नासन अरुचि पु. (न रुचिर्यस्य) ते नमनी अ. २२.
નામ, લવણ સમુદ્રમાં ઉત્તર દિશાએ ૪૨ હજાર अरुचिर त्रि. (न रुचिरम्) साना ते, स.शि.5२,
જોજન ઉપર આવેલ અનુલંધર દેવોનો આવાસ વ્યાકુળતા ઉત્પન્ન કરનાર.
પર્વત, રાહુનાં લાલ કાંતિવાળા પુદ્ગલ. अरुज त्रि..(नास्ति रुक् रोगो यस्य) रोगशून्य, तन्दुरस्त, | अरुणप्रभा स्त्री. नवमा ताथ.४२नी. भ..या पसीनु सी .
नाम.
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