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________________ ___ [अम्बुज-अम्बुवाहिन् १६२ शब्दरत्नमहोदधिः। अम्बुज पु. (अम्बुनि जायते जन्+ड) १. यंद्र, | अम्बुभव न. (अम्बुनः भवतीति) ५., भ.. २. ७५२, 3. शं५, ४. . तनु, उ. अम्बुभृत् पु. (अम्बु बिभर्ति - भृ+क्विप्) १. मेघ, अम्बुज पु. न. (अम्बुनि जायते जन्+ड) १. , २. २. समुद्र, 3. भोथ, ४. सन२५. अम्बुभृत् त्रि. (अम्बु बिभर्ति-भृ+क्विप्) ४॥ने. ॥२५॥ अम्बुज त्रि. (अम्बुनि जायते जन्+ड) भ6त्यन २नार. થનાર હરકોઈ પદાર્થ. अम्बुमत् त्रि. (अम्बूनि बाहुल्येन सन्ति अस्मिन्०) अम्बुजन्मन् न. (अम्बुनि जन्मास्य) उभरा, ५.. घu xmamt. हे. वगेरे. अम्बुजन्मन् पु. (अम्बुनि जन्मास्य) १. ५, २. ५६., अम्बुमती स्त्री. (अम्बूनि बाहुल्येन सन्ति स्त्रियां ङीप्) __. सारस. ५क्षा. તે નામની એક નદી. अम्बुजासना स्त्री. (अम्बुजं आसनं यस्याः) 4.मी. अम्बुमात्रज पु. (अम्बुमात्रे-अल्पजले जायते जन्+ड) अम्बुतस्कर पु. (अम्बुनि तस्करः) योर, सूर्य.. __ तनी छीप, शं. अम्बुताल पु. (अम्बुनि तालयति प्रतिष्ठति) शेवा. अम्बुमुञ्च् पु. (अम्बूनि मुञ्चति मुच् क्विप्) १. भेघ, अम्बुद पु. (अम्बु ददाति दा-क) १. मेध, २. भोथ, २. भोथ.. 3 त्रि. ५. आपना२. अम्बुर पु. (अम्ब+उरन्) जा२५॥नी. नीयन, दाई, अम्बुधर पु. (अम्बूनि धरति धृ+अच्) मेघ, भोथ. 47. अम्बुधि पु. (अम्बूनि धीयन्तेऽत्र धा आधारे कि) अम्बुराज पु. (अम्बूनां राजा) समुद्र, १२व. १. समुद्र, २. 490-il. ५. कोरे, 3. अम्बुराशि पु. (अम्बूनां राशयो यत्र) समुद्र. ચારની સંખ્યાવાળું, ચારની સંખ્યા. अम्बुरुह् न. (अम्बूनि रोहति अम्बु+रुह+क्विप्) मण, अम्बुधिप्रसवा स्त्री. (अम्बुधिमिव प्रचुररसं प्रसूते सारस पक्षी. प्र+सू+अच्) घीवार, . अम्बुरुह पु. (अम्बुनि रोहति रुह-क) 5. अम्बुनिधि पु. (अम्बूनि निधीयन्तेऽत्र अम्बू+नि+धा+कि) अम्बुरुहा स्त्री. (अम्बु+रुह क+टाप्) १. स्थसपना, समुद्र. को वा तरीतुमलमम्बुनिधिं भुजाभ्याम्-भक्ता०४ २. भीन. ९५२ थनार उभजन. वेतो. अम्बुप पु. (अम्बूनि पाति पिबति वा पा रक्षणे पाने वा) अम्बुरुहिणी स्त्री. (अम्बु+रुह् + इनि ङीप्) १. भजन १. ३२०, २. समुद्र अम्बुप त्रि. (अम्बूनि पाति पिबति वा पा रक्षणे समूड, २. मनो वेदl. अम्बुरोहिणी स्त्री. (अम्बुनः रोहते) उभण. पाने वा) ५५ पीनार. अम्बुपत्रा स्त्री. (अम्बूनि पत्रे यस्याः) में तन अम्बुरोहिन् न. (अम्बु+रुह् णिनि) १. उभय, 62221ना. वृक्ष- अम्बपत्री स्त्री. २. सारस. पंजी. अम्बुपात पु. (अम्बूनां पातः) ५.नो प्रवाs, ४५२, अम्बुवाची स्त्री. (अम्बु वाचयति-सूचयति अम्बु+वच्+ नहानु ॐ२j-गङ्गाम्बुपातप्रतिमा गृहेभ्यः-भट्टि. १/८ __णिच्+अण्) १. सादा नक्षत्रम पद मां आवेता अम्बुप्रसाद पु. (अम्बुनि प्रसादयति+प्र+सद् णिच्+अण्) સૂર્યના સમયની જમીન. अम्बुवासिन् त्रि. (अम्बुप्रधाने देशे वसति वस् णिनि એક જાતનું ઝાડ, નિર્મળીનું ઝાડ. अम्बुप्रसादन न. (अम्बुनि प्रसादयति णिच् ल्युट) ___ङीप्) १. 12वृक्ष, २. ४मा २२. निजी वृक्षन ३१, 313. फलं कतकवृक्षस्य अम्बुवासिनी स्त्री. (अम्बू वस् णिनि+डीप्) 4240वृक्ष. यद्यम्बुप्रसादकम् । न नामग्रहणादेव तस्य वारि अम्बुवासी स्त्री. (अम्बुवास+ङीप्) 64दो. २०६ मी. प्रसीदति ।। अम्बुवाह पु. (अम्बूनि वहति वह-अण्) १. ४१५२, अम्बुप्रसादन त्रि. (अम्बुनि प्रसादयति+णिच् ल्युट) मेघ, २. भोय. જળને નિર્મળ કરનાર હરકોઈ પદાર્થ. अम्बुवाहिन् पु. (अम्बु+व+णिनि) 6५८०. २०६ मो. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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