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समर्पण
३५ वर्ष जितने जीवनके विशिष्ट कालव्यापी
शास्त्रावगाहक, सौहार्दपूर्ण, सहचार एवं सहकार
की
सुखद स्मृतिके समुपलक्ष्यार्थ
प्रज्ञा न न य न - पण्डित प्रवर
श्री सुखलाल जी
के
करकमलमें
*
- जिन विजय
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