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द्वितीयकाण्डम्
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मानववर्गः ७ खर्जूः कण्डूश्च कण्डूया शोफे शोथौ समावुभौ ॥ ५३ ॥ पुसि स्यात्क्षवैथुः कासः कच्छू पामा विचर्चिका । पिटकैश्चापि विस्फोट स्त्रिषु सिध्मं किलासकम् ||५४ || त्वक्पुष्पी चित्रकुष्ठे द्वे कोठो मण्डलकं पृथक् । त्रेणोऽस्त्री-म-मरुः क्लीब मनाडीव्रणः पुमान् ॥ ५५ ॥ वैमिः प्रच्छर्दिकावन्ति र्मूत्रकृच्छेऽश्मरी” स्त्रियाम् । मूत्राघाते निबन्धो ना ग्रहणीतु प्रवाहिका ॥५६॥ सोलित्य रोगे शेशन स्तापैरोगे ज्वरः पुमान् ।
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(१) खुजलाहट के तीन नाम- खर्ज १, कण्डू२, कण्डूया ३ स्त्री० । (२) शोथ रोग के दो नाम - शोफ १, सोथ २ पु० । (३) कास रोग के दो नाम-क्षवथु ९, कास २५० । (४) खुजली अथवा दिनाय के तीन नाम - कच्छू १, पामा २, विचर्चिका २ स्त्री० । ( ५ ) फोड़ा के दो नाम-पिटक १, विस्फोट २ त्रिलिङ्ग । (६) सिहुली के तीन नाम - सिध्म १, किलासक २ नपुं०, त्वक्पुष्पी ३ स्त्री० । (७) श्वेत कुष्ठ के दो नाम श्वित्र १, कुष्ठ २ नपुं० । (८) मण्डलाकृति कोढ के दो नाम - कोठ १ पु०, मण्डलक २ नपुं० । ( ९ ) व्रण के तीन नाम - व्रण १ पु०नपुं., ईर्म २ अरु ३ नपुं० । (१०) जिससे विकार प्रवाहित हो उस व्रण को 'नाडीव्रण' कहते है पु० । (११) वमन होने के तीन नाम वमि १, प्रच्छर्दिका २, वान्ति ३ स्त्री० । (१२) बहुमूत्र के दोनाम - मूत्रकृच्छ १ नपुं., अश्मरी २ स्त्रो० । (१३) मूत्राघात के दो नाम - मूत्राघात १ निबन्ध २ पु० । (१४) संग्रहणी के दो नाम - ग्रहणी १, प्रवाहिका २ स्त्रो० । (१५) साहित्यरोग जिससे बाल उड़ जाते हैं उसके दो नाम - सालित्य १, केशन २ पु० । (१६) ज्वर के दो नाम - ताप १, ज्वर २ पु०
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