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द्वितीयकाण्डम् १०७ वनस्पतिवर्गः ४
रालेः सर्जरसो देव धूपो धूनक धूपने । श्रीवासे तिलपर्णः स्यात् पालके कुन्दु कुन्दुरू ॥५६॥ जोतीफल जातिफलं लवङ्गं तु लवङ्गकम् । जातीकोषा जातिपत्री स्थूलैला गर्भसम्भवा ।।५७॥ कैङ्कोलकं कोषफलं केशरो नागकेशरः । त्वक्त्रम् स्याहारुसिता सूक्ष्म अ द्राविडिस्त्रुटिः॥५८॥ तेजपत्र पत्रकं स्यात् पाकरञ्जनमित्यपि ।
लोमश जटिलाऽपिस्याज्जटामांसी तपस्विनी ॥५९॥ नाम-राल १, सर्जरस, देवध्प ३ पु०, धूनक ४, ध्पन ५ नपुं०। (१०) धूप विशेष के दो नाम-श्रीवास १, तिलपर्ण २, पु० । (११) पालक शाक के तीन नाम-पालङ्क १, कुन्दु २, कुन्दुरु ३ पु० । (१२) जायफल के दो नाम-जातोफल १, जातिफल २, नपुं० । (१३) लोंग के दो नाम-लवन (देवकुसुम) १, लवङ्गक २, नपुं० ।
हिन्दी-(१) जावत्री के दो नाम-जातीकोषा १, जातिपत्री २, स्त्री० । (२) बड़ी इलायची के दो नाम-स्थूलैला १, गर्भसंभवा २ स्त्रो० । (३) कवाव चीनी के दो नाम-कङ्कोलक कोषफल २ नपुं० । (४) नागकेशर के दो नाम-केशर १, नागकेशर २ पुं० । (५) दालचीनी के दो नाम-त्वपत्र १, नपुं०, दारुसिता २ स्त्रो० । (६) छोटी इलायची के तोन नामसूक्ष्मैला १, द्राविडि २, त्रुटि ३ स्त्री० । (७) तेजपात के तीन नाम-तेजपत्र १, पत्रक २, पाकरञ्जन ३, नपुं० । (८) जटा
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