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________________ द्वितीयकाण्डम् घनस्पतिवगः . आमे शैलौटुः शुष्केतु वानं सत्ये फले त्रिषु ।। विकसन्ती तु कलिको कुडमलो मुकुलोऽस्त्रियाम् ॥१६॥ वृक्षादेवल्कलाज्जातो रसोनिर्यास इष्यते । प्रसनं कुसुमं पुष्पं सुमं सुमनसः स्त्रियः ॥१७॥ रजः परागः पुष्पाणां मकरन्दो रसः स्मृतः। फले स्याज्जाम्बवं जम्बु वृक्षे जम्बूः स्त्रियां मता ॥१८॥ पुष्पे जातिः फले व्रीहिः विदारी पार्टलः पुमान् । वासन्ती मालती जातिश्चम्बेली" तूपजातिका ॥१९॥ पत्र रहित वृक्ष के तीन नाम-शकु १, स्थाणु २, ध्रुव ३ पु० । (११) अपक फल को 'शलाटु' कहते हैं पु० । (१२) सुखे फल का एक नाम- 'वान' नपुं० । (१३) खिले हुए कली के तीन नाम-कलिका १ स्त्री०, कुड्मल २ पु०, मुकुल ३ पु० नपुं० । हिन्दी--(१)वृक्षादि त्वचा से निकाले गये रस का एक नाम-निर्यास १ पु० । (२) पुष्प के पांच नाम-प्रसून, १, कुसुम २, पुष्प ३, सुम ४ नपुं०, सुमनस् ५, बहुवचन स्त्री० । (३). पुष्प के रजस् का एक नाम-पराग १ पु०। (४) पुष्प के रस का एक नाम-मकरेन्द १ पु० । (५) जम्बूफल के दो नाम-. बाम्बव १ जम्बु २ नपुं० । (६) जम्बूवृक्ष का एक नाम-. जम्बू १ स्त्री० । (७) जाति (जही) पुष्प स्त्री०, ब्रीहि पु०, विदारी स्त्री० (८) गुलाब का एक नाम-पाटल १ पु० । (९), मालती लतापुष्प के तोन नाम-वासन्ती १, मालती २, जाति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016064
Book TitleShivkosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherKarunashankar Veniram Pandya
Publication Year1976
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size13 MB
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