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नानार्थोदयसागर कोष हिन्दी टीका सहित - शालूक शब्द | ३३५
जातीफलेऽब्जादिकन्दे शालूकं दर्दुरे पुमान् ।
शावः शिशौ पुमान् बोध्यः शव सम्बन्धिनि त्रिषु ॥१६३१ ॥ शावर: शवर स्वामिकृतभाष्ये च किल्विषे । तन्त्रान्तरे लोध्रवृक्षेऽपराधेपि पुमानसौ ॥१६३२॥
हिन्दी टीका - नपुंसक शालूक शब्द के दो अर्थ होते हैं - १. जातीफल (जायफल जाफर) और २. अश्वादि कन्द (कसल वगैरह का कन्द कशेरु - केशौर ) किन्तु ३. दर्दुर ( मेढ़क एड़का ) अर्थ में शालूक शब्द पुल्लिंग माना जाता है । शाव शब्द - १. शिशु (बच्चा) अर्थ में पुल्लिंग माना जाता है किन्तु २. शवसम्बन्धी अर्थ में शाव शब्द त्रिलिंग माना गया है । शावर शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ होते हैं - १. शवरस्वामिकृतभाष्य ( शवर स्वामी का बनाया हुआ शावर भाष्य ) और २. किल्विष (पाप) ३. तन्त्रान्तर (तन्त्र विशेष) और ४. लोध्रवृक्ष (लोध नाम का प्रसिद्ध वृक्ष विशेष) और ५. अपराध ( दोष वगैरह ) को भी शावर शब्द से व्यवहार किया जाता है ।
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राजदत्तक्षितौ शास्त्रे लेखा - शास्त्योश्च शासनम् । शास्ता बुद्ध उपाध्याये पितरि क्षितिपालके ॥१६३३॥ शास्त्रं ग्रन्थे निदेशेऽथ शिखण्डो बर्ह-चूडयो: । शिखण्डकः काकपक्षे बहिपिच्छे तु नद्वयोः ॥ १६३४॥
हिन्दी टीका - शासन शब्द के चार अर्थ होते हैं - १. राजदत्त क्षिति ( राजा द्वारा दी हुई पृथिवीभूमि) २. शास्त्र ३. लेखा (रेखा - लकीर ) और ४. शास्ति ( शासन करना) । शास्ता शब्द पुल्लिंग है और उसके भी चार अर्थ होते हैं - १. बुद्ध (भगवान बुद्ध) २. उपाध्याय और ३. पिता तथा ४ क्षितिपालक (पृथिवी का पालन करने वाला राजा) । शास्त्र शब्द के दो अर्थ होते हैं - १. ग्रन्थ और २. निदेश (आज्ञा हुकुम) । शिखण्ड शब्द के दो अर्थ होते हैं - १. बर्ह (पिच्छ) और २. चूडा (मस्तक मौलि) । शिखण्डक शब्द १. काकपक्ष (लड़कों का जुड़ा जुल्फो शिखा ) अथ में पुल्लिंग माना जाता है किन्तु २. बर्हिपिच्छ ( मयूर मोर की पाँख) अर्थ में शिखण्डक शब्द नपुंसक ही माना गया है ।
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शिखण्डकस्ताम्रचूडे शिखायां तु शिखण्डिका 1 शिखण्डिनी यूथिकायां मयूरी - गुञ्जयोरपि ॥१६३५॥ शिखण्डी पुंसि गोविन्दे विशिखे चरणायुधे । गांगेयारौ स्वर्णयूथी-गुञ्जयोः प्रचलाकिनि ॥१६३६।।
हिन्दी टोका - पुल्लिंग शिखण्डक शब्द का अर्थ - १. ताम्रचूड (मुर्गी) भी होता है किन्तु २. शिखा (चोटी) अर्थ में शिखण्डिका शब्द का प्रयोग होता है । स्त्रीलिंग शिखण्डिनी शब्द के तोन अर्थ होते हैं - १. यूथिका ( जूही ) और २. मयूरी तथा ३. गुञ्जा (करजनी मूंगा चनौठी) । पुल्लिंग शिखण्डी शब्द के सात अर्थ माने जाते हैं - १. गोविन्द २. विशिख (धनुष बाण ) ३. चरणायुध (मुर्गा ) और ४. गांगेयारि (शिखण्डी जोकि द्रपद राजा का पुत्र था और जिसको आगे करके अर्जुन ने पीछे से भीष्म पर बा
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