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मूल :
१६० / नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दो टीका सहित-नियम शब्द
निरञ्जना पूर्णिमायां स्त्री त्रिष्वजनजिते ।
वो निरसनं प्रत्याख्याने निष्ठीवने स्मृतम् ॥१०५८॥ हिन्दी टोका-१. सत्यादि पञ्चक (सत्य अहिंसा-अस्तेय-अपरिग्रह-ब्रह्मचर्य) और २. अर्चा (पूजा) ३. यज्ञ तथा ४. इन्द्रियनिग्रह (आँख वगैरह ज्ञानेन्द्रिय और पायु उपस्थ वगैरह कर्मेन्द्रिय को वश में करना) इन चारों को भी नियम शब्द से व्यवहार किया जाता है । नियामक शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. पोतवाह (जल जहाज स्टीमर को चलाने वाला) २. कर्णधार (केवट नाव को चलाने वाला) और ३. नियन्ता (सारथि) को भी नियामक कहते हैं । निरञ्जना शब्द १. पूर्णिमा (पौर्णमासी) अर्थ में स्त्रीलिंग माना जाता है और २. अञ्जनवजित (आंजन रहित) अर्थ में त्रिलिंग माना गया है । निरसन शब्द के तीन अर्थ होते हैं-- १. वध, २. प्रत्याख्यान और निष्ठीवन (थूकना) इस तरह निरसन शब्द के तीन अर्थ जानने चाहिये।
निरस्तस्त्यक्त विशिखे निष्ठ्यूतेत्वरितोदिते । प्रत्याख्याते प्रतिहते सन्त्यक्ते प्रेषिते त्रिषु ।।१०५६।। निरामय स्त्रिषूल्लाघे इडिक्के शूकरे पुमान् ।
निरीहो विष्णु जिनयोरीहाशून्येत्वसौ त्रिषु ॥१०६०॥ हिन्दी टीका-त्रिलिंग निरस्त शब्द के सात अर्थ माने गये हैं-१. त्यक्त विशिख (परित्यक्त बाण जिसने शर छोड़ा है उसको त्यक्त विशिख कहते हैं । २. निष्ठयूत (थूक दिया है) ३. त्वरितोदित (शोघ्र जल्दी उदित-कथन किया है) ४. प्रत्याख्यात (तिरस्कृत) ५. प्रतिहत (मारा गया है) ६. सन्त्यक्त (परित्यक्त) और ७. प्रेषित (भेजा गया)। निरामय शब्द १. उल्लाघ (नीरोग-रोगरहित) अर्थ में त्रिलिंग माना जाता है एवं २. इडिक्क (जंगली बकरा वन छाग) और ३. शूकर (सुगर) पूल्लिग है। पूल्लिग निरीह शब्द के दो अर्थ माने गये हैं-१. विष्णु (भगवान विष्णु) और २. जिन (भगवान तीर्थंकर) किन्तु ३. ईहाशून्य (इच्छारहित-निःस्पृह) अर्थ में निरोह शब्द त्रिलिंग माना जाता है। क्योंकि पुरुष स्त्री साधारण कोई भी निःस्पृह हो सकता है।। मूल : निरुक्त वेद शास्त्रांगे कथिते पदभजने ।
निरूपणं विचारे स्याद् आलोके च निदर्शने ॥१०६१॥ निरूपितो नियुक्त स्यादसौ कृतनिरूपणे ।
निरूहो निश्चिते तर्क वस्तिभेदे च निग्रहे ॥१०६२।। हिन्दी टीका-निरुक्त शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. वेदशास्त्राङ्ग (वेदशास्त्र का अङ्ग-पोषक व्याख्या विशेष) २. कथित (उक्त) और ३. पदभजन (पद प्रत्येक पद को टुकड़ा करके व्याख्या करना) । निरूपण शब्द के भो तोन अर्थ माने गये हैं-१. विचार (परामर्श करना) २. आलोक (प्रकाश) और ३. निदर्शन (दिखलाना)। निरूपित शब्द के दो अर्थ माने गये हैं -१. नियुक्त (स्थापित) और २. कृतनिरूपण (निरूपण किया गया)। निरूह शब्द के चार अर्थ होते हैं-१. निश्चित, २. तर्क (ऊह कल्पना करना) और ३. वस्तिभेद (वस्ति विशेष-मूत्राशय-नाभि का नीचा भाग) तथा ४. निग्रह (रोकना, निरोध करना)।
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