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परिशिष्ट
जैन पुराणकोश : ४९७
द्रावतार
गर्भान्वय क्रियाएँ
७. उपाधिवाक् भाषा ८. निकृति भाषा ९. अप्रणति भाषा
१०. मोघ (मोष) भाषा ११. सम्यग्दर्शन भाषा १२. मिथ्यादर्शन१. आधान २. प्रीति ३. सुप्रीति ४. धृति
भाषा ५. मोद ६. प्रियोद्भव ७. नामकर्म ८. बहिर्यान
हपु० १०.९१-९७ ९. निषद्या १०. प्राशन ११. केशवाप १२. लिपि
सत्य-भेद १३. संख्यानसंग्रह १४. उपनौति १५. व्रतचर्या १६. व्रतावतरण १७. विवाह १८. वर्णलाभ १९. कुलचर्या २०. गृहीशिता
१. नाम सत्य २. रूप सत्य
३. स्थापना सत्य २१. प्रशान्ति २२. गहत्याग २३. दीक्षाद्य २४. जिनरूपता ४. प्रतीत्यसत्य
५. संवृत्तिसत्य ६. संयोजना सत्य २५. मौनाध्ययनवृत्तत्व २६. तोर्थकृत्भावना २७. गुरुस्थानाभ्युपगम ७. जनपद सत्य
८. देश सत्य
९. भाव सत्य २८. गणोपग्रह २९. स्वगुरुस्थानसंक्रान्ति ३०. निःसंगत्वात्मभावना १०. समय सत्य ३१. योगनिर्वाण संप्राप्ति ३२. योगनिर्वाणसाधन ३३. इन्द्रोपपाद
हपु० १०.९८-१०७ ३४. इन्द्राभिषेक ३५. विधिदान ३६. सुखोदय
छप्पन-दिक्कुमारी-देवियाँ ३७. इन्द्रत्याग ३८. इन्द्रावतार ३९. हिरण्योत्कृष्टजन्मता ४०. मन्दरेन्द्राभिषेक ४१. गुरूपूजोपलम्भन ४२. यौवराज्य
मेरु पर्वत के चारों पर्वतों के मध्य विद्यमान आठकूटों में क्रीडा ४३. स्वराज्यप्राप्ति ४४. चक्रलाभ ४५. दिग्विजय
करने वाली देवियाँ ४६. चक्राभिषेक ४७. साम्राज्य ४८. निष्क्रान्ति १. भोगंकरा २. भोगवती ३. सुभोगा ४. भोगमालिनी ४९. योगसन्मह ५०. आर्हन्त्य ५१. तद्विहार
५. वत्समित्रा ६. सुमित्रा ७. वारिषणा ८. अचलावती ५२. योगत्याग ५३. अग्रनिवृत्ति
हपु० ५.२२६-२२७ मपु० ३८.५५-६३
मेरु की पूर्वोत्तर दिशा में विद्यमान कटों की देवियाँ गुणस्थान, मार्गणा, प्रमाद, भाषा और सत्य भेद
१. मेघंकरा २. मेघवती ३. सुमेघा ४. मेधमालिनी गुणस्थान-सूची
५. तोयधारा , ६. विचित्रा ७. पुष्पमाला ८. अनिन्दिता १. मिथ्यादृष्टि २. सासादन ३. सम्यग्मिथ्यात्व ४. असंयत सम्यग्दृष्टि
हपु० ५.३३२-३३३ ५. संयतासंयत ६. प्रमत्तसंयत ७. अप्रमत्तसंयत ८. अपूर्वकरण
रूचकवर पर्वत के पूर्व में विद्यमान कूटों को देवियां ९. अनिवृत्तिकरण १०. सूक्ष्मसाम्पराय ११. उपशान्तकषाय १२. क्षीणमोह १३ सयोगकेवली १४. अयोगकेवली १. विजया २. वैजयन्ती ३. जयन्ती ४. अपराजिता
हपु०, ३.८०-८३ ५. नन्दा ६. नन्दोत्तमा ७. आनन्दा ८. नान्दीवर्धना मार्गणा-सची
हपु० ५.७०५-७०६ १. गति २. इन्द्रिय ३. काय ४. योग ५. वेद रूचकवर पर्वत के दक्षिण दिशावर्ती कूटों को वासिनी देवियाँ ६. कषाय ७. ज्ञान ८. संयम ९. सम्यक्त्व १०. लश्या १. स्वस्थिता २. सूप्रणिधि ३. सुप्रबुद्धा ४. यशोधरा ११. दर्शन १२. संज्ञित्व
१३. भव्यत्व १४. आहार ५. लक्ष्मीमती ६. कीतिमती ७. वसुन्धरा ८ चित्रादेवी हपु० ५८.३६-३७
हपु० ५.७०८-७१० प्रमाद-भेद निन्द्रा
रूचकवर पर्वत के पश्चिम में विद्यमान कुटों को देवियाँ १. इलादेवी २. सुरादेवी
३. पृथिवीदेवी कषाय
४. पद्मावती देवी ५. कांचनादेवी
६. नवमिका देवी विकथा ४
७. सीता देवी
८. भद्रिका देवी प्रणय (स्नेह) १ हपु० ३.८८
हपु० ५.७१२-७१४ रूचकवर पर्वत के उत्तर में विद्यमान कुटों की वासिनी देवियाँ भाषा-भेद
१. लम्बुसा २. मिश्रकेशी ३. पुण्डरी किणी ४. वारुणी १. अभ्याख्यान भाषा २. कलह भाषा ३. पैशुन्य भाषा ५. आशा ६. ही ७. श्री
८. श्रुति ४. बद्धप्रलाप भाषा ५. रति भाषा ६. अरति भाषा
हपु० ५.७१५-७१७
इंद्रिय
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