________________
अंगसूत्रों के प्रमाण-स्थल का संकेत-बोध
अ०–अध्ययन अंत०–अंतगडदसाओ अणु०-अणुत्तरोववाइयदसाओ आ०-आयारो आ० चू०-आयारचूला उवा०-उवासगदसाओ ठा०-ठाणं दे०-देशी शब्द नाया०–नायाधम्मकहाओ पण्हा०-पण्हावागरणाई पिशल०-पिशल का प्राकृत भाषाओं का व्याकरण प्र०-प्रकीर्णक भ०-भगवई व०-वर्ग विवा०-विवागसुयं सम०-समवाओ श्रु०--श्रुतस्कन्ध हे०-हेमचन्द्राचार्य कृत प्राकृतव्याकरण हेम०-हेमचन्द्राचार्य कृत प्राकृतव्याकरण ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org