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प्रमाण-विधि
आयारो—यह आगम आठवें अध्ययन के सातवें उद्देशक तक गद्यात्मक है। इसके प्रमाण दो अंकों में हैं। पहला अंक अध्ययन और दूसरा अंक सूत्र का परिचायक है। आठवें अध्ययन का आठवां उद्देशक तथा नौवें अध्यय उद्देशक पद्यात्मक हैं । इसके प्रमाण तीन अंकों में हैं। पहला अंक अध्ययन, दूसरा अंक उद्देशक और तीसरा अंक श्लोक का परिचायक है।
आयारचूला—इसमें पन्द्रह अध्ययन गद्यात्मक हैं। उनमें पहला अंक अध्ययन तथा दूसरा अंक सूत्र संख्या का परिचायक है। सोलहवां अध्ययन पद्यात्मक है, जिसका पहला अंक अध्ययन और दूसरा अंक श्लोक का परिचायक है।
सूयगडो-पहले श्रुतस्कन्ध के पन्द्रह अध्ययन तथा दूसरे श्रतस्कन्ध का पांचवां तथा छठां अध्ययन पद्यात्मक है उनके तीन अंकों में प्रमाण हैं। पहला अंक श्रुतस्कन्ध, दूसरा अंक अध्ययन और तीसरा अंक श्लोक का परिचायक है। पहले श्रुतस्कन्ध का सोहलवां अध्ययन तथा दूसरे श्रुत स्कन्ध के पहले चार अध्ययन तथा सातवां अध्ययन गद्यात्मक है। उनके प्रमाण तीन अंकों में हैं। पहला अंक श्रुतस्कन्ध, दूसरा अंक अध्ययन तथा तीसरा अंक सूत्र का परिचायक है।
ठाणं--प्रमाण दो अंकों में है। पहला अंक ठाण का तथा दूसरा अंक सूत्र का परिचायक है। कहीं पर सूत्र के अन्तर्गत श्लोक हैं, वहां प्रमाण तीन अंकों में है, तीसरा अंक श्लोक का परिचायक है। जैसे-२।४०५।२। पहला अंक ठाण का, दूसरा अंक सूत्र का और तीसरा अंक श्लोक का परिचायक है।
समवाओ-प्रमाण दो अंकों में है। कहीं-कहीं तीन अंकों में है। पहला अंक उद्देशक, दूसरा अंक सूत्र और तीसरा अंक श्लोक का परिचायक है।
नायाधम्मकहाओ, विवागसुयं-प्रमाण तीन अंकों में है। कहीं-कहीं चार अंकों में है। पहला अंक श्रुतस्कन्ध, दूसरा अंक अध्ययन, तीसरा अंक सूत्र और चौथा अंक श्लोक का परिचायक है। नायाधम्मकहाओ में दूसरे स्कन्ध में तीन अंकों में प्रमाण हैं। पहला श्रुतस्कन्ध, दूसरा अंक वर्ग और तीसरा अंक सूत्र का परिचायक है।
उवासगदसाओ, पण्हावागरणाई-दो अंकों में प्रमाण हैं। पहला अंक अध्ययन और दूसरा अंक सूत्र का परिचायक है।
अंतगडदसाओ, अणत्तरोववाइयदसाओ-दो अंकों में प्रमाण हैं। पहला अंक वर्ग और दूसरा अंक सूत्र का परिचायक है।
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