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जैन आगम प्राणी कोश
लक्षण-शरीर का रंग हल्का लाल।
देती है। विवरण-पानी एवं जमीन पर रहने वाला यह कीट विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-रेंगने वाले जीव, केंचुए के समान प्रतीत होता है। कभी-कभी रुद्राक्ष एवं जानवरों की दुनिया] बेहड़ा के वृक्षों पर भी नजर आता है। जन साधारण भाषा में इसको चंदनिया, अक्ष के नाम से जानते हैं। चक्काग, चक्कवाग [चक्रवाक ज्ञाता. 1/9/20, [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-जीव टी. पृ. 31, जीव 30 प्रश्नव्या. 1/9 प्रज्ञा. 1/48 सूर्य 5/5 विचार वृत्ति, जीव विचार प्रकरण]
The Ruddy Sheldrake, Brahminy duck
चकवा, चकवी, सुर्खाव, चक्रवाक। चकोर [चकोर ] प्रश्नव्या. 1/9 Common or Blue Legged Busturd Quail-गुन्द्रा, गूलु, चकोर देखें-चउरग चक्कलड़ा [चक्कलड़ा] चक्कQडा [चक्कQडा] चक्कुलेंडा [चक्कुलेंडा] आव.टी.प. 163 आव. म.टी.प. 467 Jones Saind Boya-जोंस सैण्ड बोआ, दुमुंही-सर्प, राजसर्प, श्रेष्ठ सर्प, तेलिया सर्प, सेवी पम्बू (तमिल), वला (मराठी), अनसप (गुजराती)।
आकार-पालतू बत्तख से बड़ा। लक्षण-शरीर का रंग नारंगी भूरा। सिर और ग्रीवा का रंग कुछ फीका। कभी-कभी ग्रीवा के नीचे हल्का काला कालर भी होता है। इसके पंख काले, सफेद तथा चमकीले हरे होते हैं। विवरण-भारत, लंका, बर्मा में पाया जाने वाला यह
पक्षी पानी के बजाय अधिकतर पंक-मैदानों में और आकार–छोटा, मोटा एवं मांसल बनावट वाला सर्प। बलुवा तटों पर सर्दियों के दिनों में झुंड के साथ देखा लक्षण-शरीर का रंग चॉकलेटी भूरा, जबकि बच्चों जाता है। पानी के किनारे राजहंस की भांति विहरण का रंग अधिक ललाई लिए होता है। पीठ पर काले । करता है। पट्टे पाए जाते हैं। आंखें छोटी, पूंछ मोटी एवं भौंही (इंडी) होती हैं। सारे शरीर की मोटाई लगभग समान चडग [चटक] सू. 2/2/6 होने के कारण दो मुंह वाला सर्प प्रतीत होता है। House Sparrow-चिड़िया, गृह चटक, गौरेया। विवरण-भारत में इसकी तीन प्रजातियां पाई जाती देखें-अड़ हैं। यह एक मी. तक लम्बा एवं एक K.G. तक हो सकता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे 'ऐरिक्स जोइनाई' चमर [चमर] प्रश्नव्या. 1/6 प्रज्ञा. 1/64 कहते हैं। स्थानीय भाषा में इसे दुमुंही, दुंबी, धनराई, A kind of Ox called yak-चवरी गाय (याक)
आंधवोगा आदि कहते हैं। इसका नाम दुमुंही होते हुए आकार-गाय की अपेक्षा कुछ बड़ा। भी यह एक मुंह वाला होता है। मादा अंडे न देकर बच्चे लक्षण-इसका शरीर नीचे लटका हुआ, सिर झुका
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