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जैन आगम प्राणी कोश
आकार - सामान्य हिरण से कुछ बड़ा ।
लक्षण - शरीर के ऊपर का रंग भूरा या धूमिल - भूरा तथा नीचे की ओर सफेद होता है। एक दूसरे के पीछे चार छोटे और पैने सींग होते हैं। सींग केवल नर के होते हैं। आगे के सींग 5-6 से.मी. तथा पीछे के सींग 12 से.मी. तक लम्बे होते हैं। विवरण- भारतीय प्रायद्वीप के ऊंचे-नीचे पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाला यह प्राणी हिरणों में असाधारण होता है। इसकी दृष्टि, सूंघने तथा सुनने की शक्ति काफी विकसित होती है ।
[विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-संकटग्रस्त वन्य प्राणी, Nature]
गोजलोय [गोजलोक] प्रज्ञा. 1/49
A kind of leech—गोजलौक, जौंक की एक जाति । देखें- जलोया
गोण [गो] आ.चू. 1/52 सू. 2/2/19 Ox, Bull-बैल, सांड़, खाग्गड़ देखें- आवल्ल (बैल)
गोणस [गोनस] प्रश्नव्या. 1/7 प्रज्ञा. 1/71 Russells Viper-गोनस, वोड्, घोनस, गोनास । आकार-4-7 फीट लम्बा ।
लक्षण - शरीर का रंग सफेद-काला। ऊपर की चमड़ी चिकनी एवं मुलायम । मुंह देखने में गाय की नासिका के समान प्रतीत होता है। विवरण- घने जंगलों, जलाशयों, नदियों आदि के किनारे पाया जाने वाला यह सर्प करैत, काकोदर की अपेक्षा कम विषैला होता है। यह अपने शिकार पर
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सहमा आक्रमण न करके, धीरे-धीरे करता है। प्रश्नव्या. टीका के अनुसार यह दुमुंही सर्प है।
गोमयकीडग [गोमयकीटक] प्रज्ञा. 1/51 Beetle - गोवरैला ।
कोलोराडो का आलु गुबरैला
आकार - लगभग 1-2 इंच तक लम्बा । लक्षण - शरीर का रंग काला भूरा। इनके दो जोड़े पंख होते हैं। सामने वाले पंख सख्त होते हैं जो उसकी देह के लिए एक चिकने आवरण का काम करते हैं। पिछले पंख पतले होने के कारण उड़ने के समय इसकी मदद करते हैं।
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विवरण- गोबर में रहने वाले या गोबर में उत्पन्न होने वाले इस कीट की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं। इसके पतले पंख, सख्त पंखों के नीचे दबे रहते हैं। अपने जीवन में गोबरैला को कई अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है, जैसे- अंडा, लार्वा, प्यूपा और अन्त में गोबरैला ।
गोमाऊ [गोमायु ज्ञाता. 1/4/23 Jackal-श्रृंगाल, सियार देखें - कोल्लग
गोम्ही [गोम्ही] प्रज्ञा. 1 / 50 Centipede - कानखजूरा
आकार - 1 इंच से 1 फीट तक लम्बा । लक्षण - इनका शरीर अनेक खण्डों में विभक्त होता
। प्रत्येक खण्ड से एक जोड़ी टांगें निकलती हैं। इनके जबड़ों के साथ एक जोड़ा जहरीला चिमटानुमा अंग होता है।
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