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________________ जैन आगम प्राणी कोश 17 विवरण-यह सफेद मक्खी लगभग 50 तरह के पौधों पर आक्रमण करती है। इसका प्रकोप कपास पर सबसे अधिक होता है। जिससे कपास के पौधे की हर अवस्था की शारीरिक क्रिया गड़बड़ा जाती है। [विवरण के लिए द्रष्टव्य-फसल पीड़क कीट, Harmanjacobl, Nature] कमल [कमल] भ. 2/66 ज्ञाता. 1/1/24 अणु. 3/52 ABeautiful Deer-सुंदर हिरण। देखें-किण्हमिय (कृष्ण-मृग) [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-K.N. Dave पृ. 298-299] कमल [कमल] भ. 2/66, 9/168 ज्ञाता. 1/1/24 अंत 3/43 अणु. 3/52 Purple Moorhen-कैम, खारीम, कार्म, कमल। आकार-देहाती कुक्कुट के समान। लक्षण-शरीर का रंग नील रोहित। लम्बे लाल पैर और भारी लाल चोंच। विवरण-भारत और बर्मा में पाए जाने वाला यह पक्षी दलदल के आस-पास सरकंडों की झाड़ियों में झुंड के साथ मिलता है। बैठते समय या उड़ते समय कई तरह की घू-घू, कुड-कुड जैसी ध्वनि उत्पन्न करता है। विवरण के लिए द्रष्टव्य-K.N. Dave पृ. 295, 298] कानड [कमेड] जीम्य. 1237 शिकली गान Lizard-छिपकली। आकार-लगभग 4-15 इंच तक लम्बा। लक्षण-शरीर का रंग विभिन्न प्रकार का। शरीर पतला, पूंछ लम्बी तथा पांच पंजों वाले चार छोटे पैर। पैरों में पदांगलियों के अगले भाग छोटे प्यालियों के समान होते हैं। बहसंख्यक दांत होते हुए भी यह भोजन को चबाता नहीं है। कमेड कमेड] जीम्य. 1237 Squirrel-गिलहरी। आकार-नेवले से छोटा। लक्षण-शरीर का रंग सफेद काला से लेकर लाल-भूरा तक। पूंछ लम्बी, जिस पर घने बाल होते हैं। तीखे एवं मजबूत दांत जो जीवन भर बढ़ते रहते हैं। विवरण-विश्व में इनकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। ये अधिकतर वृक्ष पर रहती हैं। कुछ गिलहरियां जमीन पर भी निवास करती हैं। कुछ गिलहरियां शाकाहारी एवं कुछ मांसाहारी होती हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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