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जैन आगम प्राणी कोश (परिशिष्ट-2)
परिशिष्ट-2
पुलय
द्वीन्द्रिय जीव-जिन जीवों के स्पर्शन और रसन-ये दो इन्द्रियां होती हैं, वे द्वीन्द्रिय जीव हैं। अंक गंडूयलग
समुद्दलिक्खा अणुल्लक गोजलोय पुलाकिमिय
सिप्पिय अरक गोलोम बंसीमुह
सिप्पिसपुंड अलस धुल्ला माइवाहया
सोत्तिय एगओवत्त जलोउया मोत्तिय
सुभग कलय जलोय, जलूय वास
सुईमुह किमिय जालग वासीमुह
सुईमुहा कुच्छिकिमिय णंदियावत्त संख
हिल्लिया खुल्लय दुहओवत्ता
संखणग गंडूयलग पल्लोय
संवुक्क
त्रीन्द्रिय जीव-जिन जीवों के स्पर्शन, रसन और घ्राण-ये तीन इन्द्रियां होती हैं, वे त्रीन्द्रिय जीव हैं।
मालुया
मुइंगा
अवधिका इंदगोवय इंदकाइय उक्कड़ उक्कल उक्कलिय उइंसग उद्देसग उद्देहिया उप्पाड़ उप्पाय उरूलुंचग ओवाइया
कट्ठाहार कणग कीड़ी कुंथु कोत्थलवाहग कोल कोसियारकीड़ खुरदुग घुण चंदन छप्पय जूया तउसमिंजिया
तणविंटिय तणाहार तिंदुग तेदुरणमज्जिया पत्राहार पाहुया पिपीलिया पिसुया पुप्फबिंटिया फलविंटिय बहुपय बीयवावय मक्कोड़ग
रोहिणीय लिक्ख वीयविंटिया सतवाइया सदावरी सोमंगला सोवच्छिय हालाहल
हुँधिय
चतुरिन्द्रिय जीव-जिन जीवों के स्पर्शन, रसन, घ्राण, और चक्षु-ये चार इन्द्रियां होती हैं, वे चतुरिन्द्रिय जीव कीडज गोमाऊ
जालग अच्छिल कुकुंण चित्तपक्ख
झिंगिरा अच्छिरोडए कुक्कुड़ चित्तपत्तए
झिंगिरिडा अच्छिवेहए कुक्कुह छप्पय
झिल्लिया ओभंजिया कोलि छाणविच्छुय
इंस ओहिंजलिया कोसियारकीड़ जरूल
डोल कट्ठाहार खज्जोत जलकारी
ढिंकुण कप्पासट्टियमिंजिय गंभीर जलचारिय
णीणिया कीड़ गोमयकीडग जलविच्छ्य
णेउर
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