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"परिशिष्ट २
ठग-ठगना, वंचित करना । ठर-आदर करना। ठल-खाली करना। ठा (स्था)-ठहरना (प्रा ४।१६) । ठाम (स्था)-ठहरना (प्रा ४।१६ टी)। ठिव्व (वि+घुट) मोड़ना । ठुक्क (हा)-त्याग करना ।
डंडल्ल (भ्रम्)-घूमना। डंडोल (गवेषय) गवेषणा करना। उंम-दागना (आवहाटी २ पृ ८८) । उक्क-लूटना, डाका डालना (निचू ३ पृ८७)। उक्क (छादय)--आच्छादित करना । डक्कुर--पीड़ित होना। डगमग--हिलना, डगमगाना । डमडम-डमडम आवाज करना । घर (बस्)-भय खाना (प्रा ४।१९८)। उल्ल (पा)-पाव करता (प्रा ४११०)। डव (आ+रम)--आरंभ करना। डिफ-जल में गिरना। डिभ (स्त्रस्)-खिसकना (प्रा ४।१९७) । डिक्क (वृषकर्तृकं गर्ज)-वृषभ का गर्जना । डिप्प (वि+गल्)-१ सड़ जाना । २ गिरना । डिप्प (दीप्) चमकना। डिव-लांघना (व्यभा १ टी प ३५) । डुडुल्ल (भ्रम्)-घूमना। डुडुल्ल (गवेषय)-गवेषणा करना । डुम (भ्रम्)-घूमना ।
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