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________________ परिशिष्ट । ४६६ बज्जण-स्थगन, आच्छादन | वेला-मर्यादा बा-विनष्ट वेल्लंत--व्याकुल होता हुआ बुमण-बुनना वेल्लडिया-वल्लरी बुणिय-बुना हुआ . वेल्लरिअ-बाल, केश बुणउ-दीन, उद्विग्न : वेल्लरिया-वल्ली, लता वृष्णिय-भयभीत वेल्लव-१ विलास । २ लता बल्लाह-अश्व की एक उत्तम जाति वेल्लवल्ल-१ कोमल । २ विलासी। बुल्लीण-भ्यतीत ३ सुन्दर वणक-बालक | वेल्लहल्ल-सुन्दर वय-बुना हुमा वेसंत-पल्वल, छोटा तालाब वेङ्क-१ तनु । २ शिथिल। . वेसिणी–वेश्या ३ आविद । ४ ऊर्वीकृत। वेहाविद्ध-कोपाविष्ट - ५ विसंस्थुल, विषम, चंचल वेहाविद्धय-कोपाविष्ट वेहल्ल-विचकिल का पुष्प वेहाविय-वञ्चित वेउब्बिया-पुनः पुनः वेहियर-जहाज वेंड-सुरापिष्ट बोक्क-यकृत्, कलेजा वेंमल-विह्वल वोक्का -१ अनिमित्त । २ तात्पर्य वेखास-विरूप वोक्कड-बकरा-अज इत्यर्थे देशी वेखासम-विरूप वोक्का -१ वाद्य-विशेष। २ पुकार, वेगड-पोत-विशेष व्याहृति वेगर-द्राक्षा, लोंग आदि से मिश्रित | वोक्खारिय-विभूषित . चीनी आदि वोग्गिण्ण-अलंकृत . ... वेच्छिल्ल-कोरंट-वृक्ष वोट्रि-आसक्त, लीन वेज्म-धक्का वोड-१ दुष्ट । २ छिन्न-कर्ण वेटिअ-वेष्टित वोडही-१ तरुणी । २ कुमारी वेड-श्मश्रु वोढ --१ दुष्ट । २ छिन्न-कर्ण वेडणी-लज्जा वोद्दही-तरुणी वेणुसाअ-भौंरा वोल-१ आर्द्र-आर्द्र इत्यर्थे देशी। वेण्ण-आक्रान्त २ समूह वेमइअ-भग्न वोलाविअ-अतिक्रामित वेडिय-खचित वोल्लिय-आर्द्र किया हुआ वेययंड-हाथी । वोसट्टिअ-विकसित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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