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परिशिष्ट १
रुज्झिअ - रोका हुआ रुट्टिया - रोटी
रुणरुण - करुण क्रन्दन
रुणुरुणिय – करुण क्रन्दन करने
वाला
रुमिल्ल – अभिलषित
रूअरूआ - उत्कण्ठा
रूई अर्कद्रुम, रूई
रूविय - अर्कवृक्ष रेक्किअ - आक्षिप्त
रेल्ल - चालन रेल्ल विय–प्लावित
रेल्लि -- प्रवाह रेल्लिय स्रोत, प्रवाह रेवंगि अस्त्र - विशेष रेहा -शोभा
रोक्क — रोकड, रोक्कअ-प्रेक्षित
जमा
रोझ - रोझ, नील गाय
रोप्पल - गवाक्ष, झरोखा रोयर - रुचिकर
रोरव - दारिद्र्य
रोरसणिय - गांव के दरिद्र लोग रोल - दरिद्र
रोव - पौधा
रोह - इच्छा, मति
रोहिआ - व्रणित व्यक्ति की शिविका
ल
लक्षण - १ तनु । २ कोमल लइ - १ अच्छा, ठीक । २ शीघ्र । ३ आज्ञा । ४ अतिशयवाचक अव्यय । ५ वाक्यालंकार में
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प्रयुक्त अध्यय
लइणा
-लता
लंगिम - १ जवानी । २ ताजापन,
नवीनता
लंजि- प्रदेश
लंजिया - १ दासी - दासी शब्दार्थे
देशी । २ लंगड़ी लंडुअ-- उक्षिप्त
लंबुसय - एक प्रकार का आभरण
लक्कड - काष्ठ
लक्खणा - सारसी, मादा सारस लक्खि-विघटित
लग — निकट
लगड- - गधों पर रखा जाने वाला उपकरण- विशेष
लगुण - लगन, इच्छा लट्ठरी - सुंदर
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लडहा - विलासवती स्त्री लड्डिय - लाड, प्यार
लद्दण - भार-क्षेप, लादना लद्दी - हाथी आदि की विष्ठा लम्मिक्क चोर
लयअ— लिया
ललललिय - चञ्चल - चंचल इत्यर्थे देशी
ललाविय --- प्रसारित
लल्ल -- अस्पष्ट भाषी - अस्पष्टभाषी इत्यर्थे देशी
लल्लक - रौद्र - रौद्र इत्यर्थे देशी लवअ -सुप्त
लवध -- सुप्त लसअ—— तरु-क्षीर
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