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परिशिष्ट ।
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बहुरा-सियारिन
बूल-मूक, वागशक्ति से शून्य बहुराण-असिधारा
बहक्क-चिल्लाहट बहली-माया, कपट बहुल्लिआ-बड़े भाई की स्त्री
बेट्टिका-बेटी, राजकन्या बहल्ली-क्रीडोचित शालभजिका,
बेडय-नौका, जहाज खेलने की पुतली
बेडिया नौका, जहाज बाअ-बाल, शिशु
बेडी-नौका, जहाज बाइगा-माता
बेण्णि -दो बाइया-मां, माता
बल्ल-बैल बाउल्लय-१ भित्तिचित्र । बेल्लग- बलीवर्द, बैल
२ खिलौना । ३ गुड़िया बोगुवारिय-विभूषित बाउल्लया-पञ्चालिका, पुतली बोज्झ-भार बापीकी--पैतृकी
बोट्ट-जूठा करना, उच्छिष्ट बारह-द्वादश, बारह
बोलण-डूबना बालालुंबी-तिरस्कार
बोलिदी-लिपि-विशेष, ब्राह्मीबाल्ल-बोल
लिपि का एक प्रकार बाहिरि-बाहर
बोलिय -व्याप्त बाहडिय-लज्जित, भयभीत
बोलीण--व्यतिक्रान्त बीयत्तिय-१ बीज बोने वाला।
बोल्ल-कोलाहल २ पिता
बोल्लाविअ-१ बुलाया हुआ। बुंध-मूल
२ भाषित, उक्त बुबा-चिल्लाहट, पुकार
बोल्लिअ-कथित बुक्कार-बूत्कार, पुकार
बोहित्थिय-नौका-स्थित बुक्कावण-मुष्टि-प्रक्षेप बुड्डिर--महिष, भंसा
भइल-भया, जात (?) बुड-बूढा
भंगोठण-व्रणित, व्रणयुक्त बुर–बुरादा, काठ का चूरा भंभेरी-वाद्य-विशेष बुल-बोड, धार्मिक
भंवरि-विवाह में फेरे देना बुलबुल-बुलबुला
भंहलअ-मूर्ख बुलुबुल–बुबुद
भगुंडिय-उद्धूलित बुल्लाविय-कथित
भग्गलअ-अप्रिय बढउ-बूढा
भच्च--भागिनेय, भानजा Jain Education International
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