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________________ ४५८ देशी शब्दकोष किमिघरवसण-रेशम का वस्त्र | कूट-१ कोट, किला । २ नगर, किम्मिय--जड़ता शहर किम्मीर --विचित्र कुट्टण-कूटना किर -- मंबंधार्थक अव्यय कुट्टमिअ-महिष किरिकिरिआ--१ कर्णोपकणिका । कुट्टवाल-कोतवाल, नगररक्षक २ कुतूहल कुट्टार-चर्मकार किरी -वराह, सूअर कुट्टोअर--कूटादर, शयनागार किलिचिअ-छोटी लकड़ी कुडंबीअ-सुरत, संभोग किलिकिचिअरमण, क्रीड़ा कुडंग-लतागृह किलिकिलित ---बन्दरों का | कुडंगण-लतागृह-लतागृहमित्यर्थे देशी किलकिलाना किलिगिलिय--अनुकरणवाची शब्द कुडुंबिय-मैथुन किलिणी---१ प्रतोली। २ गली कुडुंबीय-रतिक्रीड़ा-विशेष किवाड --- स्खलित कुडुव-बजाने का काष्ठ कीव-पक्षि-विशेष कुडु-कुतूहल कीस-प्रश्नसूचक अव्यय कुड्डाल-हल के ऊपर का विस्तृत अश कुइमाण - म्लान,शुष्क कुढ-पीठ कुई -- बलाका कूढिलग्ग-न्यायालय में जिसकी कुट -१ कुब्ज । २ हस्त-विकल जांच हो रही हो वह कुंठी-चिमटा कुण्हरिया-वनस्पति-विशेष कुंडभी-छोटी पताका कुत्ती-कुत्ती, कुतिया कुंडिय-खरण्टित कुद्दहीर-१ बालक । २ चन्द्रमा कुंढ-१ हस्तहीन । २ वामन कुप्पास-चोली कुंभी-कपड़े में बांधा हुआ स्वर्ण कुबड-कूबडा, कुब्ज आदि द्रव्य कुरुमालण-खुजलाना कुंयरी--कुमारी कुरुया-शरीर-प्रक्षालन कुक्क-कुत्ता कुरुलिअ-कौए की आवाज कुक्कयय-आभरण-विशेष कुरूढ-१ पवित्र । २ निपुण कुक्को—कुत्ती कुललय-कुल्ला, गंडूष कुक्कु-अग्नि कुलूक्किय-जला हुआ कुक्कुडिया-खाद्य-विशेष कुल्लुरिय-हलवाई कुच्छिणी-बाड का छिद्र कुवलय-बदर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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