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देशी शब्दकोश
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सीइआ-झड़ी, निरन्तर वृष्टि (दे ८।३४) । सोई-सीढ़ी, निःश्रेणी (पिनि ६८)। सीउक-मस्तक का आभूषण-विशेष (अंवि पृ ६४) । सोउग्गय--सुजात, कुलीन (दे ८।३४) । सीकवल्लोकी-वृक्ष-विशेष (अंवि पृ ७०)। सीकुंडी-छोटा मत्स्य-विशेष (संवि पृ २२८) । सीकणिक-जलज प्राणी-विशेष (भंवि पृ २२६)। सीडा-फल-विशेष-रातण-तोडण-सीडा लउसु तंबुरु पिप्पलफलेसु'
(अंवि पृ २३८)। सीत-चामर-'सीतं चामरं भण्णइ' (दजिचू पृ १५६)। सीता-शरीर का अवयव-विशेष-'णासिका कण्णपालीओ थूणा सीता य
तालुका' (अंवि पृ ६६) । सीताण-श्मशान (निभा ६११२) । सीतिय-सोपान, सीढी-'सोमाणे सीतियं वा वि' (अंवि पृ ३३)। सीपिंजुला-पक्षिणी-विशेष-'उलुकी मालुका व त्ति सेणा सीपिंजुल त्ति वा'
(अंवि पृ ६६)। सीमर-१ समान, तुल्य-तत्यवि सीभरमेव उवदिसियन्वं' (आच पृ २६२) । . २ बोलते हुए थूक उछालने वाला (व्यमा ४।३ टी प २६)। सीभरग-बोलते समय थूक उछालने वाला (व्यमा ४।३ टी प २६)। . सीमंतय-सीमंत-बालों की रेखा-विशेष (मांग) में पहना जाने वाला
अलंकार-विशेष (दे ८।३५) । सोय-१ शिविका-सीय त्ति शिविका कूटाकारेणाच्छादितो जम्पानविशेषः'
(भटी पृ ७३०)। २ मोम (आवचू १ पृ ५)। सीयउरय-गुच्छ वनस्पति-विशेष (प्रज्ञा ११३७।३)। सीयाण-श्मशान (व्यभा ७ टी प ५५) । सीयालु-जिसे सर्दी अधिक लगती हो वह (निचू २ पृ ४२८) । सीरिय-भिन्न (पा ९२४) । सोरोवहासिआ-लज्जा (दे ८।३६) । सीलुट्ट-खीरा, ककड़ी (पा ४७७) । सीलुट्टय-त्रपुस, खीरा (दे ८।३५) । सीवणी-सूई-'तेण सीवणीए सीविऊण विसज्जियं' (विहाटी १ पृ २८५)।
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