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________________ देशी शब्दकोश २९७ पोअंड-१ तरुण-'जुवाणो जोव्वणत्यो वा पोअंडो पुरिसो त्ति वा' (अंवि पृ ६२) । २ भयमुक्त, अभय (दे ६।६१) । ३ नपुंसक (वृ)। पोअंत-शपथ (दे ६।६२) । पोअड-उदग्र, कर्मठ (अंवि पृ९८)। पोअलअ-१ आश्विन मास का एक विशेष उत्सव जिसमें पति अपनी पत्नी के हाथ से लेकर अपूप खाता है। २ अपूप, पूआ, खाद्य-विशेष (दे ६८१) । ३ बालवसन्त-यदाह-भर्ता भुङ्क्तेऽपूपं यत्र गृहिण्या: करात् समादाय । आश्वयुजे पोअलओ स उत्सवोऽपूपभेदश्च । पोअलओ बालवसन्त इत्यन्ये' (व)। पोआअ-गांव का मुखिया, ग्राम-प्रधान (दे ६।६०)। पोआल-१ शिशु (ओनि ४४७) । २ वृषभ, बैल (दे ६।६२)। पोइअ-१ निमग्न (ओनि १३७) । २ स्पंदित-'देशीवचनत्वादितस्ततः स्पन्दितं ।' ३ त्रासित (बृभा १४५६ टी पृ ४३४) । ४ हलवाई (दे ६।६३) ५ जुगनू (वृ)। पोइआ-निद्राकरी लता (दे ६।६३)। पोइत-त्रासित-'पोइता त्रासिता: इति चूणौँ विशेषचूणों च' (बृटी पृ ४३४)। पोइयल्लय-पिरोया हुआ (ओटी प १८०) । पोई-निद्राकरी लता (प्रज्ञाटी प ३४) पोउआ-करीषाग्नि, कंडे की आग (दे६। ६१)। पोंगिल्ल--१ परिपूर्ण, खचित-'दीसंति जीय एए पासाया रयणपोंगिल्ला' (कु पृ १६०)। २ परिपक्व ।। पोंट—चूंट-'खिप्पं पाणियं पाउं लग्गो... कहवि पोटे (घोट्टे) करित्ता पलातो' (व्यभा ४१ टी प १८) । पोंड-१ फल-सामलीपोंडघणनिचिय........' (प्र ४७ टी प ५२)। २ फूल-'एगं सालियपोंडं बद्धो आमेलगो होइ' (उनि ३)। ३ अविकसित कमल (विभा १४२५) । ४ कपास (अनुद्वाहाटी पृ २१) । ५ यूथ का अधिपति (दे ६।६०) । पोंडइ-फल-विशेष (भ २२।४) । पोंडग–अविकसित कमल (आवचू १ पृ २२३)। पोंडय-कपास-'पोंडयं कप्पासो' (निचू २ पृ ३८)। पोंडरीय-लोमपक्षी (जीवटी प ४१) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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