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देशी शब्दकोश
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पुडिंग-१ मुख । २ बिन्दु (दे ६८०)। पूडिया-गुच्छा-'पुप्फपुडियाइ जं पइ, गोरसघडओ करेइ कज्जाइं।
___मणिबंधम्मि पयलिते, साणुग्गह होंति सव्वगहा ॥' (बृटी पृ १०) । पुणइ-श्वपच, चांडाल (दे ६॥३८)। पुण्णवत्त-खुशी से हृत वस्त्र (दे ६१५३) । पुण्णाली-असती, कुलटा (दे ६१५३) । पुताई-पागल स्त्री (बृभा६०५३) । प्रताकी-उन्मत्त स्त्री-पुताकी देशीवचनत्वाद् उद्भ्रामिका'
(बृटी पृ १५६७)। पुत्त-१ कटि-वस्त्र, धोती (बृटी पृ ५३) । २ वस्त्र (बृटी पृ ११२३)। प्रत्तंजीवय-जियापोता का वृक्ष जिसके बीजों की या फूलों की माला बच्चों
को स्वस्थ रखने के लिए गले में पहनाते हैं
(प्रज्ञाटी प ३१) । पुत्तल-पुतला---'दभमया पुत्तला उ कायव्वा' (आवहाटी २ पृ ६६) । पुत्तलग-पुतला (निचू १ पृ ६३) । पुत्तलिया-पुतलिका—विधेहि पुत्तलियं' (उशाटी प १४६)। पुत्तल्ल-पुतला (निचू १ पृ ६८) । पुत्तल्लग-पुतला-'मंतेऊण व विधइ पुत्तल्लगमादि पडिणीए'
(निभा १६७)। पुत्तिगा-पुतली (सूचू १ पृ ११८; दे ६।६२)। पुत्तिया-चतुरिन्द्रिय जंतु-विशेष (जीवटी प ३२)। पुत्ती-वस्त्र (उशाटी प ८)। पुत्तुय-वाद्य-विशेष (आवचू १ पृ ३०९) । पुत्थ-मृदु (दे ६।५२)। पुप्पुअ-पीन, पुष्ट (दे ६।५२) । प्रप्फय-पीछे (आवहाटी २ पृ१०२)। पुप्फल-गंध द्रव्य-विशेष (भत्त ४२) । पुप्फसि—फेफड़ा (आवचू १ पृ. ३०)। पुप्फा-फूफी, पिता की बहिन (दे ६।५२)। पुल्फिा -बुआ, फूफी (पा ८७१)। पुप्फितिका-आभूषण-विशेष (अंवि पृ ७१) ।
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