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देश
भाषा-शब्द
अर्थ ८. मारुक (मरुदेश) अप्पां तुष्पां' हम-तुम 8. गुर्जर
णउ रे भल्ल अरे ! यह अच्छा नहीं है १०. लाट
अम्हं काउं तुम्हें हमने किया, तुमने ११. मालव
भाउय भइणी तुम्हे" तुम भाई-बहिन हो १२. कर्णाटक ___ अंडि पांडि मरे १३. ताजिक (परशियन इसि किसि मिसि'५
या अरबिक) १४. कोशल
जल तल ले१४ १५. महाराष्ट्र दिण्णले गहियल्ले१५ दिया और लिया १६- आन्ध्र
अटि पुटि रटिं६ वह जाना आना __इनमें १६ भाषाओं का उल्लेख है। शेष दो भाषाएं--ओड्री और द्राविडी होनी चाहिए। उपर्युक्त उदाहरणों में कर्णाटक की भाषा-कन्नड का उदाहरण तेलगु का-सा प्रतीत होता है।
८. बंके जडे य जड्डे बहु-भोई कढिण-पीण-सूणंगे। ____ 'अप्पां तुप्पां' भणिरे अह पेच्छइ मारुए तत्तो ॥ ६. घय-लोणिय-पुटठंगे धम्म-परे संधि-विग्गह-णिउणे ।
‘णउ रे भल्लउ' भणिरे अह पेच्छइ गुज्जरे अवरे ॥ १०. हाओलित्त-विलित्ते कय-सीमंते सुसोहिय-सुगते ।
'अम्हं काउं तुम्ह' भणिरे अह पेच्छए लाडे ॥ ११. तणु-साम-मडह-देहे कोवणए माणजीविणो रोद्दे ।
'भाउय भइणी तुम्हे' भणिरे अह मालवे दिठे ॥ १२. उक्कड-दप्पे पिय-मोहणे य रोद्दे पयंग-वित्ती य ।
'अडि पांडि मरे' भणिरे पेच्छइ कण्णाडए अण्णे ॥ १३. कुप्पास-पाउयंगे मासरुई पाण-मयण-तल्लिच्छे । ____ 'इसि किसि मिसि' भणमाणे अह पेच्छइ ताइए अवरे ॥ १४. सव्व-कला-पत्तळे माणी पियकोवणे कढिण-देहे ।
__'जल तल ले' भणमाणे कोसलए पुलइए अवरे ॥ १५. दढ-मडह-सामलंगे सहिरे अहिमाण-कलह-सीले य ।
'दिण्णल्ले गहियल्ले' उल्लविरे तत्थ मरहट्ठे ॥ १६. पिय-महिला-संगामे सुंदर-गत्ते य भोयणे रोद्दे ।
'अटि पुटि रटि' भणंते अंधे कुमरो पलोएइ॥ १७. इय अट्ठारस देसी-भासाउ पुलइऊण सिरिदत्तो ।
अण्णाइय पुलएई खस-पारस-बब्बरादीए ॥
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