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देशी शब्दकोश
कमिअ-- उपसर्पित, पास आया हुआ (दे २/३ ) |
कमेड — छिपकली, गिलहरी ( ? ) - एमेव अडति बोडो लुक्क णिलुक्को जह कमेडी' (जीभा १२३७) ।
कम्मण -- कंकड आदि (अंवि पृ ५) ।
कहिअ - माली, मालाकार (दे २८ ) |
कयंत - भाग्य ( प्र ३ । २४) । कयग - कैतव, माया ( निभा २१७४) ।
कयल — अलिंजर, पानी भरने का बड़ा घड़ा (दे २१४) ।
कयवर -- कचरा (आ ११८५) ।
कयार- . १ कचरा ( विभा १९६७; दे २।११) । २ धूल - ' कयारो त्ति व जो बूया........धूली रयो त्ति रेणु त्ति' (अंवि पृ १०६ ) ।
-- उत्तम जाति का अश्व ( कु पृ २३) ।
कयाहकरइल्ली -- शुष्क वृक्ष, सूखा पेड़ ( दे २।१७ )
करंक - १ बड़ा बर्तन ( सूचू १ पृ ११९ ) । २ भिक्षापात्र । ३ अशोक वृक्ष
(दे २।५५) ।
करंज
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१ एक अस्थि वाला वृक्ष - विशेष (प्रज्ञा १।३५) । २ सुखी छाल (दे २८ ) |
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करंड - पीठ के पास की हड्डी - 'अणगारस्स पिट्ठिकरंडयाणं अयमेयारूवे तवरूवलावणे होत्था ' ( अनु ३ | ३९ ) ।
करंडक - पीठ के पास की हड्डी (प्रटी प ८४) । करंडुय - पीठ के पास की हड्डी (जंबू २।४७) ।
करक - शव - 'उक्खित्तं तं करकं' (कु पृ २२५) ।
करकर - १ तृण - विशेष ( प्रज्ञा १।४२ ) । २ अत्यंत व्यक्त (शब्द) ( आवहाटी १ पृ १६५ ) ।
करकराण - करकर शब्द करना ( व्यभा ४ | ३ टीप १९ ) ।
- करकी - भाजन - विशेष (अंवि पृ ७२ ) ।
करगिल्ल - पात्र ( आवमटी प ३९७ ) 1
करघायल - दूध का विकार, मावा ( दे २।२२) ।
करच्छोडिया - ताली बजाना - दिन्ना य करच्छोडिया' (उसुटी प २८ ) ।
करटिका - वाद्य विशेष ( नंदीटि पृ 2 ) 1
करड -१ श्राद्ध - विशेष - ' सिवढोढसिवाइ करडं वा' (निभा ३४८३) । २ व्याघ्र | २ चितकबरा (दे २२५५ ) |
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