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देशी शब्दकोश
कट्टगंध-नौका खेने का बड़ा बांस (आचू पृ ३५७) । कट्ठाहार-त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष (प्रज्ञा १३५०)। कट्टिअ-द्वारपाल (दे २।१५) । कट्ठियव्वग-खाद्य-विशेष (निचू २ पृ २४१) । कठेवट्टक-कण्ठ का आभूषण (अंवि पृ १६३) । कट्ठोरग-कटोरा (निचू १ पृ ५१) । कड–१ क्षीण । २ मृत (दे २।५१) । कडअल्ल-द्वारपाल (दे २।१५)। कडअल्ली -कण्ठ, गला (दे २।१५) । कडइअ--स्थपति, बढ़ई (दे २।२२)। कडइल्ल-द्वारपाल (दे २।१५) । कडंत-१ मूली का शाक । २ मुसल (दे २१५६) । कडंतर-पुराना छाज आदि उपकरण (दे २।१६) । कडंतरिअ- विदारित (दे २।२०)। कडंब-करटिका, वाद्य-विशेष (राज ७७) । कडंभुअ-१ कुम्भग्रीव नामक पात्र-विशेष (दे २।२०) । २ घड़े का कण्ठ
___ भाग-'कडंभु घटस्यैव कण्ठ इति शीलाङ्कः' (वृ)। कडग--१ यवनिका, परदा (आवहाटी २ पृ १७८) 1 २ बांस की चटाई से
बना घर (व्यभा ४१४ टी प १०१)। कडच्छकी-कडछी-'दव्वी तध कवल्ली य दीविक त्ति कडच्छकी'
(अंवि पृ ७२)। 'कडच्छु-लोहे की की, डोई (दे २१७) । कडच्छुत-की (निचू २ पृ २५१)। कडच्छुय-चम्मच (ज्ञा ११८१५५) । कडजुम्म-युग्म राशि जिसमें चार शेष रहते हैं—'सर्वासां दिशां प्रत्येकं ये
प्रदेशास्ते चतुष्केनापहियमाणाश्चतुष्कावशेषा भवन्तीति कृत्वा तत्प्रदेशात्मिकाश्च दिश आगमसंज्ञया कडजुम्मत्ति शब्देनाभिधीयन्ते'
(आटी प १३)। कडणा-१ छत (भ ८।२५७) । २ ट्टिका, बाड़ (भटी पृ ६६१) । कडतला-लोहे का वह हथियार जो एक ओर से धारवाला और वक्र होता
है (दे २।१६)।
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