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देशी शब्दकोश
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उत्साणय-तत्पर (आवचू १)। उत्ताल-लगातार रुदन, अंतर रहित क्रन्दन की आवाज (दे १११०१)। उत्तावल-१ उतावल, शीघ्रता । २ शीघ्रकारी, आकुल-'उत्तावलो
सहिसल्थो' (कु पृ १८०)। उत्ताहिय-ऊपर उछाला हुआ (दे १११०६) । उत्तिग-१ चींटियों का बिल (आ ८११०६) । २ सर्पच्छत्र वनस्पति
(द ८।११)। ३ छिद्र-'उत्तिगो पुण छिड्डं' (निभा ६०१८) । उत्तिरिबिडि-एक के ऊपर एक रखे हुए भाजनों का ढेर (दे १२१२२) ।
उतरड (गुज), उत्तरंड (मराठी)। उत्तइय-उत्तेजित (दनि १११ पा) । उत्तुण-अभिमानी, गर्वयुक्त (उसुटी प २३४; दे श६६) । उत्तपित--चिकना किया हुआ (प्रटी प ५६) । उत्तपिय-स्निग्ध, चिकना (प्र ३।१६) । उत्तुयय-उत्तेजित (व्यभा ६ टी प ३२) । उत्तरिद्धि-१ अभिमानी (दे ११६६) । २ दर्प, गर्व (व) । उत्तहिअ--उत्खोटित, छिन्न, नष्ट (दे ११०५) । उत्तइय-गर्व-एवं भणितो संतो उत्तूइओ सो कहेइ सव्वं-उत्तूइओ ति
- देशीपदमेतद् ग वर्तते' (व्यभा ४२ टी प ६६) । उत्तह-तटशून्य कूप (दे ११६४) । उत्तेड-बिन्दु-'भंडगपासवलग्गा उत्तेडा बुब्बुया न सम्मंति' (पिनि १६)। उत्थंघिय-उत्थापित (से ५१६०)। उत्थग्घ-संमर्द, उपमर्द (दे ११६३) । उत्थरिय-१ उत्थित (दे ७/६२) । २ आक्रांत (पा ५८५) । ३ निर्गत । उत्थलिअ-१ गृह । २ ऊंचा गया हुआ (दे १११०७) । उत्थल्ल-उथलना, पलटना (दअचू पृ ११५) । उत्थल्लण-धकेलना, उछालना (प्र ३३१०)। उत्थल्लपत्थल्लण-उथल-पुथल-'उत्थल्ल-पत्थल्लणेण भुक्तम्'
(ओटी प १९२) । उत्थल्लपत्थल्ला-दोनों पावों से परिवर्तन, उथल-पुथल (दे ११११२) । उत्थल्ला -१ परिवर्तन (दे ११६३) । २ उद्वर्तन । उत्थाण–अतिसार रोग (व्यभा ७ टी प ८५) ।
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