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सेवणाधिकार-स्नेह
परिशिष्ट १ : २६६
(पृ १५६) (पडिकमण), . (ववहार) (आलोयणा) [(फासिय),
सौहार्द
सेवणाधिकार सेवना सेवा सेवित सेसवती सेह सेहाविय सोऊण सोकत्त सोगंधिय सोगपाग सोच्चाण सोभंत सोभंत सोभण सोभते सोभेइ सोम सोम
(अबंभ) सोहि (भजना) सोहि
सोहि (समित)
सोहि (पृ १५५)
सोहिय
सौकरिक (सिक्ख) (पव्वाविय)
स्तब्ध (पृ १५५)
स्तम्भ (दीण) (उप्पल)
स्तोक
स्तोक (अरति)
स्तौति (सोऊण)
स्थगित (पृ १५५)
स्थान (कंत)
स्थान (भद्दग)
स्थान (दिप्पते)
स्थान (फासेइ)
स्थान (बंभण)
स्थान (चंद)
स्थापना (पृ १५५)
स्थापना (जंबू)
स्थित (बंभण) स्थित (बंभण)
स्थित (दुक्खइ) स्थिति (थणंति) स्थिति (कंदण) स्थिति (दुक्खण) स्थिरस्वभाव (रोयमाणी) स्नातक
(पाण) स्निग्ध (चंडाल) स्निग्ध (कल्लाण) स्नेह
(घाट), (धूर्त) (माण) (मित) (ओह) (वन्दते) (संवरित) (पृ १५६) (पृ १५६) (पृ १५६)
(भूमि) (ओवास) (आयतन) (पृ १५६) (निधान) (निषन्न)
सोम
सोमणसा सोमपा. सोमपाइ सोय सोयंति सोयण सोयण सोयमाणी सोवाग सोवाग सोहण
(गत) (पृ १५६)
(जीत)
(धर्म) (अचपल) (विशुद्ध) (अवदात) (श्लक्ष्ण)
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