________________
वंचण-वण
परिशिष्ट १ : २४७
(पृ १२८)
(गण)
वंचण वंचण वंझा वंटग वंडग
वंत
* *
वंदइ वंदण वंदण वंदण वंदण वंदणग वंदणग
(माया) वगडा (अलिय) वग्ग (पृ १२७) वग्घ
(वड) वचन (वड) वचन
वच्चंसि (पृ १२७) वच्छ (आढाइ) वच्छक (प्रणमन) वच्छक (पृ १२८) वच्छक
वच्छिका (अभिवायण) वज्ज (पृ १२८) वज्ज (संथुणण) वज्ज
(प्रणमन) वज्ज (णमोक्कत) वज्ज (पृ १२८) वज्ज (अच्चिय)
वज्ज (पृ १२८) वज्जण (पृ १२८) (पृ १२८) वज्जपाणि (परूवण) वज्जपाणि (पलिमंथ) (पलिमंथ) वट्टक
(संग) वट्टपीढक (विग्घ) वट्टमाणक
(मुख) वड (पृ १२८) वडभिका
(कुब्ज) वडेंस (वडभिका) वड्ड . (पृ १२८) वण
(संग) (पृ १२८)
(उक्ति ) (ओयंसि)
(दुम) (पृ १२६)
(उसभ) (बालक) (दारिया) (पृ १२६) (पृ १२६) (वइर)
(वेर) (कम्म)
वंदन वंदित
वंदित बंदिय
(पाव)
वंश
(पाणवह) (उस्सग्ग) (दुगुछणा),
(सक्क)
वज्जणा
वक्क वक्कमंति वक्खाण वक्खेव वक्खोड वक्खोड वक्खोड
वज्जा
वक्त्र
(इज्जा ) (खोरक) (आसंदग) (करोडक) (पृ १२९) (पृ १२६) (मंदर) (थूल) (गहन)
वक्र
वक्रजघ
वक्राध:काय
वक्षस्कार
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org