________________
२४२ : परिशिष्ट १
मुच्छिय मुज्झइ मुज्झिय मुञ्चति
मुच्छिय-मेरा (अधम्मस्थिकाय) (धम्मस्थिकाय) (पिडालमासक)
(मूच्छित) (पृ १२०)
मूढ
मुणि
मुणि
मुणि मुणि मुणि
(बुट्ट) (बाल)
.(लोभ)
मुणित मुणित मुणित मुत्त मुत्त
(गिद्ध) मुसावाय (सज्जइ) मुसावायवेरमण (सज्जिय) मुहफलक (निसृजति) (पृ १२०) मूढ
(उज्जु) मूढ (णाणि) मूढ (भिक्खु) मूढ (समण) मूर्छा (पृ १२०) मूर्छा
(गीय) मूच्छित (विदित) मूर्ति (तिण्ण) मूल (भिक्ख) मूल (समण) मूलगुणपडिवाय
(सिद्ध) मूलच्छेज्ज (इसिपब्भारपुढवी) मृत (ईसिपब्भारपुढवी) मेखला
(मइ) मेख लिका (सिद्धिमग्ग) मेघ (पृ १२०) मेढि
(हसित) मेदित (पृ १२०) मेधस् (अंगुलेयक) मेधाविन् (पृ १२०) मेधावि (पृ १२०) मेधावि (अनगार)
मेरक
मेरग (पृ १२०) मेरा
(दिट्ठ) मेरा
(राग) (पृ १२१) (स्थापना) (पृ १२१)
(बीय) (मूलच्छेज्ज) (पृ १२१)
(गत) (कंची) (कडीय) (बलाहक) (पृ १२१)
मुत्त मुत्तालय मुत्ति मुत्ति मुत्तिमग्ग मुदित मुदित मुदिता मुद्देयक मुद्ध
मुनि
(बुद्धि) (पृ १२१) (देसकालण्ण)
(छेय) (अरिद्व)
(सुरा) (पृ१२१)
(वेला)
(साधु)
मुम्मुर
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org