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भणिय-मासा
परिशिष्ठ ।। २३५
भणिय
भव्य
(रसिय) (ओयण)
भस्स
भत्त
भत्त्थ "भदंत भद्दग भद्दपीढ भद्दय भद्दा भमते
भाइल्ल भाइल्लग भाग भाग भाग भाजन भायण भायण भार भारती
• भमर
भय
भय
भाव
भयंकर भयंकर भयग भयभैरव
भाव भाव
(भंत) (पृ ११२) (आसंदग) (आइण्ण) (अहिंसा) (अंदोलति) (पृ११२) (पृ ११२)
(असात) (पाणवह) (महन्भय)
(दास) (भीम) (दास) (भीम)
(भंत) (तरच्छ) (११२)
(धुवक) (भिक्खु) (पृ ११२) (पृ ११२) (पृ ११२)
भाव
(इंगालछारिगा)
(दास)
(दास) (पृ११२)
(अंग) (अंस) (पात्र)
(अरिह) (मागासस्थिकाय)
(परिग्गह)
(वक्क) (पृ ११३) (पृ ११३) (भवन) (ज्ञान)
(णाण) (विण्णाण) (संविद्) (पर्याय) (कसाय) (अब्भास) (अज्मोस) (परिकम) (तुलना) (मणाम) (भविय) (देशन) (दिप्पते) (पृ ११३) (अणुओग)
भाव
'भयय
भाव
भयानक
“भयान्त
'भल्ल भव
भव
भाव भाव भाव भावणा भावना भावना भावना भावस्सिय भाविन् भाषण
भवंत भवण भवति भवन भवान्त भविय भव्य भव्य
(पृ ११२) (पृ ११२)
भासते भासा
(भविय)
भासा
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